शिवलिंग के सामने क्यों बजानी चाहिए ताली (सौ.सोशल मीडिया)
Mahashivratri 2025 Upay: महाशिवरात्रि आने में जहां पर कुछ दिन बाकी है वहीं पर इस खास दिन के लिए शिवभक्तों ने तैयारियां कर ली है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव निराकार से साकार रूप में अवतरित हुए थे यानी कि वे शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे।
इसके बाद ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने निशित काल में पूजा की थी। इसके अलावा, इसी तिथि पर शिव-शक्ति एक हुए थे यानी कि भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसी के बाद से फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का महापर्व मनाई जाती है।
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर काशी, उज्जैन, वैद्यनाथ धाम, नासिक समेत सभी शिव मंदिरों में शिव बारात निकाली जाती है और रात्रि पहर की पूजा की जाती है। साथ ही, पूजा के दौरान ही पुजारी तीन बार शिवलिंग के सामने ताली भी बजाते हैं।
अक्सर लोग जलाभिषेक और पूजा के दौरान ताली बजाना भूल जाते हैं, ऐसे में उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पूजा के दौरान ताली क्यों बजानी चाहिए।
शिवलिंग के सामने क्यों बजानी चाहिए ताली जानिए
ज्योतिषयों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर ही नहीं सामान्य दिनों में भी शिव मंदिर में पूजा करने के बाद शिवलिंग के सामने ताली जरूर बजाना चाहिए, इसके अलग-अलग अर्थ होते हैं।
आपको बता दें, तीन बार ताली बजाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
1. पहली ताली का अर्थ है भोलेनाथ के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराना।
2. दूसरी ताली का अर्थ है अपनी मनोकामना भगवान शिव तक पहुंचाना ताकि आपके जीवन की दुख वह हर लें।
3. तीसरी ताली का मतलब होता है भगवान शिव से क्षमा याचना करना कि आपसे जो भी भूल हुई हो वह माफ करें और आपको अपनी शरण में बनाएं रखें।
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किसने सबसे पहले बजाई थी ताली जानिए
ज्योतिष गुरु बताते हैं कि, शिव मंदिर में तीन बार ताली जरूर बजानी चाहिए, इससे भगवान आपकी हर इच्छा पूरी करते हैं। कहा जाता है कि सबसे पहले शिवलिंग के सामने लंकापति रावण ने ताली बजाई थी, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें सोने के लंका दान में दे दी थी।
इसके अलावा, भगवान राम ने रामेश्वरम में भगवान शिव के सामने भी तीन बार ताली बजाई थी। तब से यह परंपरा चली आ रही हैं।