
आखिर पैरों में सोना पहनने की क्यों होती है मनाही (सौ.सोशल मीडिया)
Astro Tips Wear Gold Anklet Niyam: सोना चाहे कितना भी मंहगा क्यों न हो जाए, इस पीली चमकीली धातु के गहने हमेशा महिलाओं की पहली चाहत रहे हैं, लेकिन बदलते ट्रेंड और हालात के साथ आज की महिलाएं जरूरत, अवसर और बजट के हिसाब से अपने गहनों का चुनाव करती हैं। जिसे वे गले से लेकर पैरो तक के गहने पहनती हैं।
लेकिन आपने देखा होगा की जब बात पैरों की आती हैं, तो वे चांदी के पायल या बिछिया ही पहनती हैं। इसके पीछे कई धार्मिक, वैज्ञानिक और ज्योतिषीय कारण हैं।
दरअसल, पैरों में सोना पहना वर्जित माना गया है। क्योंकि सोने के गहने पहनने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिसमें सोने के गहनों को सिर्फ कमर से ऊपर तक ही पहनने का कहा गया है। आइए जानते है कि ऐसा क्यों है, पैरों में सोना क्यों नहीं पहनना चाहिए।
धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से पैर शरीर का सबसे निचला हिस्सा होता है, जिस वजह से वे गंदगी से जुड़ा होता है। वहीं, हिंदू धर्म में सोने को माता लक्ष्मी की प्रतीक माना जाता है। जिस वजह से सोने को पैर में पहनने से माता लक्ष्मी का अपमान होता है और सोना सम्मान और समृद्धि से जुड़ा होता है।
इसलिए सोने को शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे- कान, हाथ और गले में पहनना चाहिए। जहां इसका अपमान ना हो। हिंदू ग्रंथों में भी सोना पैरों में पहनना अपमान जनक माना है और इससे माता लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं।
धार्मिक दृष्टि के अनुसार सोना समृद्धि और शुभ फल का प्रतीक होता है। इसी कारण धार्मिक मान्यताओं में इसे पैरों में पहनना उचित नहीं समझा जाता है। कहा जाता है कि सोने को कमर के नीचे धारण करने से देवी-देवताओं का अनादर होता है और माता लक्ष्मी की कृपा भी कम हो सकती है।
इसकी वजह से जीवन में बाधाएं, आर्थिक उतार-चढ़ाव और वैवाहिक रिश्तों में तनाव भी दिखाई दे सकते हैं। इसलिए परंपराओं में यह सलाह दी गई है कि सोने के गहनों को पैरों में पहनने से बचना चाहिए, ताकि घर में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
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कहा जाता है कि,सोने के गहने पहनने गुरु ग्रह होता है मजबूत है। ज्योतिष शास्त्र में सोने को देवगुरु बृहस्पति से भी जोड़ा जाता है। अगर, किसी व्यक्ति के कुंडली में गुरु ग्रह कमज़ोर हो, तो उसे सोने के आभूषण धारण करने चाहिए, इससे व्यक्ति की कुंडली में गुरु मजबूत होता है। वहीं, पैरो में सोने पहनने से देवगुरु बृहस्पति की स्थिति कमज़ोर होती है और माता लक्ष्मी भी नाराज होती हैं।






