कन्या संक्रांति कब है (सौ.सोशल मीडिया)
Kanya Sankranti 2025: 17 सितंबर को कन्या संक्रांति मनाई जा रही हैं। यह संक्रांति हिंदू पंचांग में विशेष महत्व रखता है। कन्या संक्रांति का पावन पर्व तब होती है, जिस समय भगवान सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते है। कन्या संक्रांति के शुभ दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान करने की परंपरा है।
वैसे भी कन्या संक्रांति के समय पितृ पक्ष है। इस संक्रांति पर स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण, दाप आदि करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे पितर खुश होते है। कन्या संक्रांति का महा पुण्य काल स्नान के लिए बहुत अच्छा समय माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कन्या संक्रांति कब है और क्या है इसका महत्व।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार इस साल कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti 2025) बुधवार, 17 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन देशभर में लोग स्नान, दान और सूर्य उपासना करते हैं। इसे विश्वकर्मा पूजा के आसपास मनाया जाता है, इसलिए कई जगहों पर इसका उत्सव और भी खास हो जाता है।
स्नानदान प्रातःकाल गंगा जल मिलाकर स्नान करें और गरीबों को भोजन, तिल, वस्त्र व दक्षिणा का दान करें।
सूर्य अर्घ्य तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, अक्षत और गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
पितृ तर्पण इस दिन विशेष रूप से तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है।
जप और ध्यान ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करने से सूर्य की कृपा और पितृ शांति दोनों मिलती है।
ज्योतिष-शास्त्र में सूर्य के कन्या राशि में आने पर इसे पितरों की शांति और दान-पुण्य के कार्यों के लिए अत्यंत पवित्र समय माना गया हैं। कन्या राशि ज्ञान, सेवा, धर्म और कर्म का प्रतीक हैं। इसलिए इस दिन किए गए कर्म और दान अक्षय फल देते हैं। कहा जाता है कि इस समय सूर्यदेव पितृलोक के द्वार खोलते हैं और पितृ अपने वंशजों से तर्पण और श्राद्ध की अपेक्षा करते हैं।
ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश से धनु, मीन और वृषभ राशि वालों को विशेष लाभ मिलने की संभावना हैं। नौकरी, व्यापार और शिक्षा क्षेत्र में नए अवसर खुल सकते हैं। वहीं मिथुन और तुला राशि वालों को इस समय धैर्य और संयम रखने की आवश्यकता होगी।
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कन्या संक्रांति केवल राशि परिवर्तन नहीं, बल्कि पितृ कृतज्ञता और धर्म पालन का समय हैं। इस दिन स्नान, दान और पितृ तर्पण करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।