'कन्या संक्रांति' को सूर्यदेव की विधिवत पूजा से खुलेंगे सफलताओं के द्वार, जानिए सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में संक्रांति तिथि (Kanya Sankranti) का बहुत ही अधिक महत्व है। इस पावन तिथि पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके साथ ही पूजा, जप-तप और दान-पुण्य आदि किया जाता है। यह पर्व सूर्य देव के राशि परिवर्तन के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव की उपासना की जाती है।
धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। आइए जानें, कन्या संक्रांति तिथि की सही डेट और शुभ मुहूर्त।
तिथि
भाद्रपद महीने की संक्रांति तिथि की शुरुआत 15 सितंबर की रात 8:02 मिनट पर शुरू होगी। इसी समय में सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इस तिथि का समापन 16 सितंबर को राज 8 बजकर 51 मिनट पर होगा। इस साल कन्या संक्रांति का पर्व 16 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा।
कन्या संक्रांति का शुभ मुहूर्त
इस साल कन्या संक्रांति 16 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन पुण्य काल 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 25 मिनट तक रहने वाला है। इस समय में गंगा स्नान कर सकते हैं। इस दिन महापुण्य काल शाम 4 बजकर 22 मिनट से 6 बजकर 25 मिनट तक रहने वाला है। इस मुहूर्त में दान कर सकते हैं।
पूजा विधि
कन्या संक्रांति का महत्व
ज्योतिष-शास्त्र में सूर्य देव को सभी ग्रहों के राजा के रूप में जाना जाता है। वहीं कुंडली में यह भाग्य, पिता, बुद्धि, मान-सम्मान इत्यादि के कारक माने जाते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, उन्हें जीवन में कई प्रकार की सफलताएं प्राप्त होती हैं। वहीं यदि सूर्य नीच स्थिति में है तो इस कारण कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
ऐसे में सूर्य को मजबूत करने के लिए संक्रांति पूजा को बहुत ही उत्तम माना जाता है। संक्रांति पूजा करने से व्यक्ति के कष्ट और कई प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।