तृ दोष होने पर मिलते हैं ये संकेत (सौ.सोशल मीडिया)
Pitra Dosh: 7 सितंबर, रविवार से पितृपक्ष की शुरुआत हो गई है। ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टि से पितृपक्ष का अवधि को सनातन धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है। क्योंकि, यह अवधि पितरों को समर्पित है। कहा जाता है कि, पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते है।
इसलिए लोग अपने पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए कई अनुष्ठान करते हैं, जैसे-श्राद्ध कर्म, पिंड दान, तर्पण और ब्राह्मणों को भोजन आदि करवाते है।
ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने हमारे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पितृदोष से मुक्ति भी मिलती है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, पितृ दोष तब लगता है, जब पितरों की आत्मा तृप्त नहीं होती है। पितृ दोष होने पर व्यक्ति को कई तरह के संकेत मिलने लगते हैं। पितृ दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
वास्तु व ज्योतिष के अनुसार, पितृ दोष होने पर घर में बीमारियां, बिना वजह लड़ाई-झगड़े, शादी-ब्याह में अड़चनें व परिवार में दुर्घटनाएं शामिल हैं। इसके अलावा भी घर में पितृ दोष होने पर कई संकेत मिलते हैं। ऐसे में आइए जान लेते है पितृ दोष के संकेत व उपाय।
पितृ दोष की ये भी है निशानी
वास्तु के अनुसार, त्योहार व खुशी के मौके पर क्लेश पितृ दोष की निशानी है। दूसरा यह भी दर्शाता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रभावी है।
वास्तु के अनुसार, अचानक घर में पीपल का पौधा उगना या किसी हिस्से में दरार का आना भी पितृ दोष का एक लक्षण है। तुलसी के पौधे का अचानक सूखना भी पितृ दोष का संकेत माना जाता है।
वास्तु के अनुसार, घर में पितृ दोष होने पर परिवार के सदस्यों के बीच बेवजह झगड़े होते हैं और परिवार के सदस्यों का लगातार बीमार रहना भी शामिल है।
वास्तु के अनुसार, रसोई में जल रखने के स्थान पर प्रतिदिन या चतुर्दशी एवं अमावस्या को तेल का दीपक शाम के समय जलाएं। इसमें बत्ती का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखनी चाहिए।
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वास्तु के अनुसार, पितृ दोष को दूर करने के लिए पूर्णिमा व अमावस्या को घर के हर कोने में कपूर रखना चाहिए।