गणेश चतुर्थी पर वास्तु नियम (सौ.सोशल मीडिया)
दस दिवसीय गणेशोत्सव का महापर्व ‘गणेश चतुर्थी’ (Ganesh Chaturthi) जल्द आने वाला है। ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश को समर्पित ‘गणेश चतुर्थी’ (Ganesh Chaturthi) का पर्व सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। यूं तो गणेश जी की पूजा हर माह में दो बार पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को पूरे विधि-विधान से की जाती है। लेकिन, इसका महत्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। क्योंकि, मान्यता है कि इसी दिन गौरी पुत्र गणेश का जन्म हुआ था।
ज्योतिषियों के अनुसार, सभी देवी-देवताओं में भगवान गणेश की पूजा का खास महत्व है। भगवान गणेश को मंगलकर्ता, विघ्नहर्ता और प्रथम पूज्य देव कहा जाता है। इसलिए नए घर की पूजा हो, मंगल कार्य हो या विशेष अनुष्ठान सबसे पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, घर में गणेशजी की प्रतिमा रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन, वास्तु-शास्त्र में घर में कुछ ऐसे नियम बनाए गए हैं। यदि आप भी अपने घर में सौभाग्य, प्रसिद्धि और खुशियां चाहते हैं तो उन्हें अपने घर में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
लेखिका- सीमा कुमारी