ये है पितृपक्ष 2025 के बाद घर-जमीन खरीदने के शुभ मुहूर्त (सौ.सोशल मीडिया)
House and Property Purchasing Shubh Muhurat 2025: 7 सितंबर, रविवार से पितृपक्ष की शुरुआत होने जा रही हैं। इस दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा। लेकिन ग्रहण का पितृ पक्ष पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। तो वहीं श्राद्ध पक्ष का समापन 21 सितम्बर को ‘सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या’ के साथ होगा।
जैसा कि आप जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक अनुष्ठान के साथ नई चीजों की खरीददारी करने की भी मनाही होती है। क्योंकि, यह अवधि पितरों की पूजा-अर्चना यानी श्राद्ध कर्म, पिंड दान, तर्पण आदि किए जाते हैं।
ऐसे में 16 दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे, न ही शुभ चीजों की खरीदारी की जाएगी। ऐसे में जो लोग घर, जमीन, भूमि खरीदना चाहते हैं या फिर गृह प्रवेश करना चाहते हैं, तो पितृपक्ष के बाद कौन सा मुहूर्त बन रहा है यहां जानिए सबकुछ।
ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो, पितृ पक्ष का समापन 21 सितंबर 2025 को होगा। पंचांग के अनुसार इसके बाद सितंबर में संपत्ति, घर, भूमि खरीदने के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।
25 सितंबर 2025 – शाम 07:09 बजे से अगले दिन 26 सितंबर को सुबह 05:26 बजे तक।
26 सितंबर 2025 – सुबह 05:26 बजे से 27 सितंबर को सुबह 05:27 बजे तक।
आपको बता दें, ये दोनों दिन नवरात्रि के दौरान आएंगे, ऐसे में घर खरीदी के लिए ये शुभ मुहूर्त बहुत खास माने जा रहे हैं। इससे मां दुर्गा की कृपा बनी रहेगी।
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ एवं मांगलिक कार्यों को करने से शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि उस विशेष समय में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति शुभ होती है, जिससे कार्य में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कार्य बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक पूरी होती है।
शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों से व्यक्ति को उसका पूरा लाभ मिलता है और जीवन में खुशहाली आती है। वही, यदि कोई कार्य अशुभ मुहूर्त में किया जाए, तो उससे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है।
सही मुहूर्त में प्रॉपर्टी खरीदने से न केवल निवेश सुरक्षित रहता है, बल्कि घर-परिवार में समृद्धि और स्थिरता भी आती है। इससे लंबे समय तक घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही, परिवार खुशहाल रहता है।
रोहिणी, उत्तरा आषाढ़, उत्तरा भाद्रपद और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र भूमि, संपत्ति खरीदने, भवन, कारखाने, घर के निर्माण की नींव रखने, आदि के लिए अनुकूल हैं।
मंगल भूमि और संपत्ति का ग्रह है और यह चौथे घर को प्रभावित करता है। यहां तककि बृहस्पति और शुक्र भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे लाभकारी ग्रह हैं जो घर के मालिक बनने में सहायता करते हैं।
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वास्तु के अनुसार, ऐसी जगह घर खरीदें जहां भरपूर धूप आती हो और प्राकृतिक हवा का संचार होता हो।
घर का मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है।