
क्या कांग्रेस छोड़ने वाले हैं शशि थरूर? (फोटो- सोशल मीडिया)
Shashi Tharoor Invite Rashtrapati Bhavan Dinner: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज अब सियासी गलियारों में चर्चा का सबसे गर्म मुद्दा बन गया है। चर्चा इसलिए नहीं हो रही है कि वहां क्या पकवान परोसे गए, बल्कि इसलिए भी है कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को इस अहम मौके पर न्योता नहीं मिला, जबकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर वहां मौजूद थे। आखिर अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी के बीच थरूर को क्यों बुलाया गया और क्या वे पार्टी से नाराज चल रहे हैं? एक मीडिया हाउस के साथ खास बातचीत में थरूर ने इन सभी सवालों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और एक बड़ा इशारा किया है।
थरूर ने बताया कि उनकी मौजूदगी का कारण उनका विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष होना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विदेशी मुल्कों के साथ रिश्ते ही उनकी समिति का मुख्य काम है, इसलिए ऐसी मुलाकातों और वहां के माहौल की जानकारी होना उनके काम के लिए मददगार साबित होता है। थरूर ने माना कि पिछले कुछ सालों में सरकार का रवैया थोड़ा अलग था, लेकिन इस बार ऐसा लगता है कि उन्होंने दूसरी आवाजों और विचारों के लिए भी दरवाजे थोड़े खोले हैं। उन्होंने साफ किया कि उनके वहां जाने का मकसद सिर्फ और सिर्फ काम से जुड़ा था, इससे ज्यादा और कुछ नहीं।
जहां एक तरफ कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को न बुलाने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए, वहीं थरूर ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि न्योता किस आधार पर भेजा गया था, लेकिन वे बुलाए जाने पर निश्चित रूप से सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि सरकार के साथ सहयोग करने का मतलब अपने सिद्धांतों को छोड़ना बिल्कुल नहीं है। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष के बीच सामान्य सहमति खोजना जरूरी है। हम कुछ बातों पर असहमत होते हैं, लेकिन जहां हम सहमत हैं, वहां हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए। थरूर ने इसे परिपक्व लोकतंत्र की निशानी बताया।
यह भी पढ़ें: बंगाल में ‘बाबर’ की एंट्री! निलंबित TMC विधायक ने रखी मस्जिद की नींव; सिर पर ईंट लेकर पहुंचे समर्थक
अक्सर शशि थरूर के बयानों और सरकार के फैसलों में उनका शामिल होना इन अटकलों को हवा देता है कि क्या वे कोई बड़ा कदम उठाने वाले हैं? जब उनसे सीधा सवाल पूछा गया कि क्या वे कांग्रेस छोड़ने वाले हैं, तो उन्होंने बहुत ही सधा हुआ और गहरा जवाब दिया। थरूर ने कहा कि मैं कांग्रेस का सांसद हूं और यहां तक पहुंचने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है। कुछ और बनने या होने के लिए बहुत गहराई से सोचना पड़ेगा और कई चीजों पर विचार करना होगा। उन्होंने बताया कि डिनर से पहले भी वे वहां मौजूद अधिकारियों से अपने संसदीय क्षेत्र तिरुवनंतपुरम के विकास कार्यों और जनता की भलाई को लेकर चर्चा कर रहे थे, जो कि उनकी असली राजनीतिक जिम्मेदारी है।






