
ममता बनर्जी-अभिषेक बनर्जी
नवभारत डेस्क: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने शुक्रवार को पूर्व राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन और पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम को कथित तौर पर ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने के लिए निलंबित कर दिया। पार्टी के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने इस बात की जानकारी दी। ये कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब पार्टी के अंदर आंतरिक कलह चल रही है।
पेशे से चिकित्सक और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले शांतनु सेन ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और उसकी हत्या मामले की जांच के लिए पुलिस की आलोचना की थी। इस मामले पर उनके मुखर रुख से पार्टी के अंदर हंगामा खड़ा हो गया।
इस मामले में स्न की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। बता दें कि शांतनु सेन की पत्नी काकली सेन भी कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 2 से तृणमूल कांग्रेस की पार्षद हैं तथा हाल ही में उनको पार्टी के कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों से हटा दिया गया था।
दूसरी ओर कोलकाता के बाहरी इलाके भांगोर के रहने वाले इस्लाम का पार्टी विधायक सौकत मोल्लाह के साथ टकराव अक्सर पार्टी नेतृत्व के लिए शर्मिंदगी की वजह बनता रहा है। दक्षिण 24 परगना के भांगर के पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम से पिछले कुछ दिनों से पार्टी नाराज चल रही थीं। 1 जनवरी 2025 को तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस पर पार्टी का झंडा फहराते वक्त विधायक सौकत मोल्लाह की पार्टी के दूसरे गुट से उनकी हाथापाई तक हो गई थी।
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निलंबन की कार्रवाई 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले टीएमसी में अनुशासन बहाल करने के पार्टी नेतृत्व के प्रयास का संकेत है। सीएम ममता बनर्जी ने नवंबर में कई अनुशासन समितियों का गठन किया था तथा पार्टी नेताओं को कई मुद्दों पर पार्टी की नीतियों के खिलाफ जाने को लेकर चेतावनी भी दी थी।






