
राहुल गांधी के सािा यूसुफ अब्राहनी (सोर्स: एक्स@yusuf_abrahani)
मुंबई: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक तरफ जहां खुद को मजबूत करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों में जुटी है तो वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में एक बार फिर पार्टी को बड़ा झटका लगा है। संसद के दोनों सदनों से वक्फ संशाेधन बिल पास होने के बाद बीजेपी के सहयोगी दलों के कई मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। वहीं कांग्रेस का एक बड़े मुस्लिम चेहरे ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है।
कांग्रेस के पूर्व विधायक यूसुफ अब्राहनी ने पार्टी के सभी पद और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब्राहनी ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा है, साथ ही उसकी एक प्रति मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा व सांसद गायकवाड़ को भी भेजी है।
कांग्रेस इस्तीफा देने के बारे में यूसुफ अब्राहनी ने बताया कि पार्टी की बहुत बुरी हालत है और इसके जिम्मेदार पार्टी के नेता ही है। उन्होंने यह बात राहुल गांधी को विस्तार से बताई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। इससे वे बहुत निराश है। कयास लगाए जा रहे है कि जल्द ही कांग्रेस के कई और नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। पिछले साल संजय निरुपम और मिलिंद देवड़ा के साथ दिवंगत बाबा सिद्दीकी और फिर उनके बेटे जीशान सिद्दीकी ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था।
पेशे से वकील यूसुफ अब्राहनी कई मुस्लिम संगठनों और एसोसिएशन से भी जुड़े हुए हैं। वे वर्तमान में इस्लाम जिमखाना के अध्यक्ष हैं। पूर्व में, उन्होंने राज्य मंत्री के दर्जे के साथ म्हाडा के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था। वे मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रह चुके हैं। अब्राहनी ने पद से इस्तीफा देने के साथ-साथ कांग्रेस की सदस्यता भी छोड़ दी है।
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हालांकि पूर्व विधायक यूसुफ अब्राहनी ने अपनी भविष्य की रणनीति के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दिए इस्तीफा पत्र में उन्होंने कांग्रेस और पार्टी से मिले स्नेह के लिए धन्यवाद भी दिया है।






