प्रमुख खिलाड़ियों की शानदार फार्म और घरेलू परिस्थितियों के कारण पूर्व चैंपियन विदर्भ की टीम केरल के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी।
जामठा में सुबह 9:30 बजे शुरू होगा मैच। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अपने प्रमुख खिलाड़ियों की शानदार फार्म और घरेलू परिस्थितियों के कारण पूर्व चैंपियन विदर्भ की टीम केरल के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी। यह मैच बुधवार से विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के जामठा स्टेडियम में सुबह 9:30 बजे खेला जाएगा। अक्षय वाडकर की अगुवाई वाली विदर्भ की टीम ने इस सत्र में अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है। उसने अब तक अपने 9 मैचों में से 8 में जीत हासिल की है और एक ड्रा खेला है। केरल की नजरें अपने पहले रणजी ट्रॉफी खिताब पर टिकी हैं। विदर्भ ने ग्रुप चरण में 7 मैचों में 6 मैचों में जीत हासिल की। इसके बाद उसने क्वार्टर फाइनल में तमिलनाडु को 198 रन से और सेमीफाइनल में गत चैंपियन मुंबई को 80 रन के बड़े अंतर से हराया। विदर्भ 2017-18 और 2018-19 में रणजी चैंपियन बना था जबकि केरल की टीम पहली बार फाइनल में पहुंची है। विदर्भ की टीम चौथी बार फाइनल में पहुंची है। वह पिछले साल फाइनल में मुंबई से हार गई थी, जिसकी भरपाई वह इस साल करना चाहेगी
विदर्भ की टीम ने अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखी है। वह इस साल विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में भी पहुंची थी। विदर्भ के बल्लेबाजों ने इस सत्र में अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है। उसकी तरफ से यश राठौड़ ने 58.13 की औसत से 933 रन बनाए हैं, जिसमें पांच शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। कप्तान वाडकर ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया है। उन्होंने 48.14 की औसत से 674 रन बनाए हैं। अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर भी उनसे अधिक पीछे नहीं हैं। उन्होंने 45.85 की औसत से 642 रन बनाए हैं। उनके अलावा दानिश मालेवार ने 557 और ध्रुव शोरे ने 446 रन बनाकर अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभाई है। गेंदबाजी में विदर्भ के लिए 22 वर्षीय हर्ष दुबे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अभी तक 66 विकेट लिए हैं और एक रणजी सत्र में सर्वाधिक विकेट लेने के रिकॉर्ड से केवल दो विकेट दूर हैं।
रिकॉर्ड बिहार के आशुतोष अमन के नाम पर है, जिन्होंने 2018-19 के सत्र में 68 विकेट लिए थे। दूसरी तरफ, सचिन बेबी की अगुवाई वाली केरल की टीम अगर पहली बार फाइनल में पहुंची है, तो इसमें किस्मत का भी बड़ा हाथ रहा। क्वार्टर फाइनल में जम्मू कश्मीर को उसने केवल एक रन से हराया, जबकि सेमीफाइनल में गुजरात के खिलाफ पहली पारी में दो रन की मामूली बढ़त के आधार पर वह फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा। सलमान निजार और मोहम्मद अजहरुद्दीन केरल की बल्लेबाजी के मुख्य स्तंभ हैं। निजार ने वर्तमान सत्र में अभी तक 86.71 की औसत से 607 रन, जबकि अजहरुद्दीन ने 75.12 की औसत से 601 रन बनाए हैं। गेंदबाजी में जलज सक्सेना केरल के सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने अभी तक 38 विकेट लिए हैं। विदर्भ के पूर्व खिलाड़ी आदित्य सरवटे ने 30 विकेट लेकर उनका अच्छा साथ दिया है।
मैच के पूर्व विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर ने कहा, ‘टॉस की भूमिका महत्वपूर्ण होगी क्योंकि यह अच्छी विकेट है और पांच दिन के इस मैच में पहले पारी की बढ़त ज्यादा मायने नहीं रखती।’ रणजी ट्रॉफी फाइनल में हम लगातार दूसरी बार पहुंचे हैं। पिछले बार का सबब हम दोहराना नहीं चाहेंगे। इसलिए केरल को हल्के में लेने की भूल नहीं करेंगे। वाडकर ने कहा, ‘केरल का आक्रमण शानदार है और हमें उन्हें दबाव बनाने से रोकना होगा। उनके तेज गेंदबाज और स्पिनर अच्छे हैं। हमें नए गेंद को अच्छे से खेलना होगा।’ विदर्भ के पूर्व खिलाड़ी आदित्य सरवटे के खिलाफ खेलने के बारे में वाडकर ने कहा, ‘हम उन्हें अच्छी तरह जानते हैं और हमें उनके खिलाफ कोई समस्या नहीं होगी।’
केरल के कप्तान सचिन बेबी के लिए फाइनल मुकाबला खास होगा क्योंकि यह उनका 100वां प्रथम श्रेणी मैच है। उन्होंने कहा, ‘यह एक शानदार मैच होगा। विदर्भ पिछले तीन सत्र से शानदार खेल रहा है। वे पिछले साल भी फाइनल में थे और इस सत्र में विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में भी खेल चुके हैं।’ उन्होंने कहा, ‘केरल को विभिन्न परिस्थितियों में खेलकर फायदा हुआ है। खिलाड़ियों ने इन चुनौतियों को अच्छी तरह से स्वीकार किया है। अब हम इस नए चुनौती के लिए तैयार हैं।’
विदर्भ: अक्षय वाडकर (कप्तान और विकेटकीपर), अथर्व तायदे, अमन मोखड़े, यश राठौड़, हर्ष दुबे, अक्षय कर्णेवार, यश कदम, अक्षय वखारे, आदित्य ठाकरे, दर्शन नलकंडे, नचिकेत भूते, सिद्धेश वाथ (विकेटकीपर), यश ठाकुर, दानिश मालेवार, पार्थ रेखाडे, करुण नायर, ध्रुव शोरे। केरल: सचिन बेबी (कप्तान), रोहन कुन्नूमल, सलमान निज़ार, मोहम्मद अज़हरुद्दीन (विकेटकीपर), अक्षय चंद्रन, जलज सक्सेना, शॉन रोजर, आदित्य सरवटे, बासिल थम्पी, एमडी निधिश, नेदुमंकुझी बासिल, श्रीहरि एस नायर, शराफुद्दीन एनएम, आनंद कृष्णन, वरुण नयनार, ईडन एप्पल टॉम, अहमद इमरान।
नागपुर में मौसम बाकी जगह के मुकाबले थोड़ा गर्म है। यहां मैच के दौरान 35 डिग्री सेल्सियस तापमान रहेगा। बारिश की संभावना पांच दिनों में किसी दिन भी नहीं है। लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ते जाएंगे, वैसे ही तापमान बढ़ता जाएगा। मुकाबले के पांच दिनों के दौरान तापमान 38 सेल्सियस तक जा सकता है। विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की पिच को बल्लेबाज़ी के अनुकूल माना जाता है, जो ठोस उछाल और गति प्रदान करती है।
बल्लेबाज़ों से परिस्थितियों पर हावी होने की उम्मीद की जाती है, गेंद बल्ले पर अच्छी तरह से आती है, जिससे स्ट्रोक खेलने की अनुमति मिलती है। सतह आक्रामक बल्लेबाजी का समर्थन करती है, विशेष रूप से शुरुआती चरणों में, और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के लिए टिकने और साझेदारी बनाने के लिए आदर्श है। यह पिच अच्छी स्कोरिंग क्षमता प्रदान करती है, जो इसे पहली पारी में उच्च स्कोर के लिए अनुकूल बनाती है।