Raksha bandhan 2025: रक्षाबंधन पर वैसे तो बहनें, भाई को कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है लेकिन देश में कई परंपराएं है जो इस त्योहार को बेहद खास बनाती है।
रक्षाबंधन की अनोखी परंपराएं (सौ.डिजाइन फोटो)
Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाने वाला है। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक होता है तो वहीं पर भारत की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव भी है। रक्षाबंधन पर वैसे तो बहनें, भाई को कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है लेकिन देश में कई परंपराएं है जो इस त्योहार को बेहद खास बनाती है।
मध्य प्रदेश और बिहार- रक्षाबंधन के मौके पर मध्य प्रदेश और बिहार राज्य में राखी बांधने के सिवा एक परंपरा भी विद्यमान है। इन राज्यों में कजरी पूर्णिमा मनाई जाती है जिसमें किसान अपनी भूमि की पूजा करते हैं और माताएँ अपने बेटों की लंबी उम्र की कामना करती हैं, साथ ही भाई की कलाई पर बहनें राखी बाँध कर उनसे शगुन और उपहार लेती हैं।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा- रक्षाबंधन इन राज्यों में भी खास तरीके से मनाया जाता है। रक्षाबंधन के मौके पर झूला पूर्णिमा की परंपरा निभाई जाती है। इस परंपरा के मौके पर राधा-कृष्ण की झूला लीला का उत्सव होता है, घरों में झूले सजते हैं और बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। रक्षाबंधन के मौके पर खास परंपराएं होती है।
महाराष्ट्र- महाराष्ट्र में रक्षाबंधन के मौके पर नराली पूर्णिमा मनाई जाती है। यह रक्षाबंधन के पास की खास परंपरा में से एक होती है। मछुआरे समुद्र देवता वरुण को नारियल अर्पित करते हैं और समुद्र की पूजा करते हैं। इस मौके पर भाई-बहन के रिश्ते को मनाने के लिए राखी बांधी जाती है और पूरण पोली जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं।
दक्षिण भारत- रक्षाबंधन के मौके पर दक्षिण भारत में खास परंपरा निभाई जाती है। इस परंपरा के अनुसार, ब्राह्मण समुदाय में आवणी अवित्तम के रूप में मनाया जाता है। इस परंपरा के अनुसार, यज्ञोपवीत (जनेऊ) बदलने की परंपरा है। यह आत्मशुद्धि और प्रायश्चित का दिन माना जाता है।
राजस्थान- राखी के मौके पर इस राज्य में खास परंपरा के रूप में लुंबा राखी बांधने की परंपरा होती है। बहनें अपने भाई के साथ-साथ भाभी को भी "लुंबा राखी" बांधती हैं, यह दर्शाने के लिए कि परिवार में भाभी की भूमिका भी अहम है।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश- इन राज्यों में रक्षाबंधन का मौका खास होता है। इस परंपरा के अनुसार, पंडित गांववालों को रक्षासूत्र बांधते हैं। बहनें भी भाइयों को राखी बांधती हैं। बताया जा रहा है कि, रक्षाबंधन को रक्षा सूत्र परंपरा से जोड़ा गया है, जहाँ पंडित गांववालों को रक्षासूत्र बांधते हैं।
असम और त्रिपुरा- रक्षाबंधन के मौके पर यहां पर बिहु पर्व की झलक नजर आती है। वहीं पर रक्षाबंधन भाई-बहन का प्रतीक नहीं बल्कि मित्रता और अपनत्व का प्रतीक बनकर मनाई जाती है।