सुधीर गोयल,प्रकाश नंदुरकर‘वंदन सम्मान’ से सम्मानित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Yavatmal News: धन तो हर कोई कमाता है, लेकिन उसका सदुपयोग कितने लोग करते हैं, यह सबसे बड़ा प्रश्न है। मंदिर जाकर जप-तप करने से ईश्वर नहीं मिलता, बल्कि मानव सेवा में ही सच्चे ईश्वर का दर्शन होता है। आज के समय में जो व्यक्ति समाजसेवा के लिए समय देता है, वही सच्चा दानी और वंदनीय है, ऐसा प्रतिपादन उज्जैन स्थित ‘अंकित ग्राम सेवाधाम’ के संस्थापक सुधीर गोयल (भाईजी) ने व्यक्त किया। वे कॉटन मार्केट परिसर स्थित बालाजी लॉन, यवतमाल में रविवार शाम को आयोजित ‘स्व. मोहनलाल-शांताबाई चैरिटेबल फाउंडेशन’ की ओर से आयोजित 10वें ‘वंदन सम्मान’ समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ‘पालवी संस्था’, पंढरपुर की संस्थापक मंगला शहा की कन्या डिंपल घाडगे ने की। इस अवसर पर सत्कारमूर्ति सतचिकित्सा प्रसारक मंडल, यवतमाल के सचिव डॉ. प्रकाश नंदुरकर तथा उनकी पत्नी लीना नंदुरकर, जीवनलाल राठी सहित अन्य मान्यवर उपस्थित थे।सुधीर गोयल ने अपने भाषण में कहा, “यवतमाल कर्म, धर्म और सेवा की भूमि है। यहां डॉ.प्रकाश नंदुरकर जैसे समाजसेवी व्यक्तित्व कार्यरत हैं, और उन्हें राठी परिवार द्वारा ‘स्व. मोहनलाल-शांताबाई चैरिटेबल फाउंडेशन’ के माध्यम से ‘वंदन सम्मान’ दिया गया, यह गर्व की बात है।” इस अवसर पर डॉ. नंदुरकर को शाल, श्रीफल, सम्मानपत्र और एक लाख रुपये की राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया।
अध्यक्षीय भाषण में डिंपल घाडगे ने कहा कि “माता-पिता और समाज का ऋण चुकाए बिना किसी को भी यह संसार नहीं छोड़ना चाहिए।” उन्होंने बताया कि उनकी माता मंगला शहा स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सकीं। उन्होंने कहा कि किसी भी समाजकार्य में परिवार का सहयोग बहुत आवश्यक होता है, और संयुक्त परिवार हो तो कोई भी कार्य आसानी से पूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था ‘पालवी’ एचआईवी संक्रमितों के लिए कार्यरत है। सम्मान प्राप्त करते हुए डॉ. प्रकाश नंदुरकर ने कहा कि “अब तक जो भी कार्य हुए हैं, वे सबके सहयोग से संभव हो पाए हैं। यह लोकसेवा मेरे अकेले से नहीं, बल्कि समाज की मदद से ही साकार हुई है।”
कार्यक्रम के दौरान वर्धा के एड.पी. बी. ठावरी की कन्या, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ. खुशबू गोपेश मोदी ने डॉ. प्रकाश नंदुरकर, सुधीर गोयल और मंगला शहा की संस्थाओं को प्रत्येक 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। कार्यक्रम की शुरुआत में स्व. विजय देशपांडे को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर डॉ.आलोक गुप्ता, ‘जिव्हाला संस्था’ (घाटंजी) के सूरज हेमके तथा ‘तुलजाई प्रतिष्ठान’, धाराशीव के शहाजी चव्हाण का भी सत्कार किया गया।
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कार्यक्रम में डॉ. प्रकाश नंदुरकर के समाजकार्य पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसका लेखन नितीन पखाले, निर्माण आनंद कसंबे, मानपत्र लेखन जयंत चावरे तथा वाचन प्रमोद बाविस्कर ने किया। प्रास्ताविक निकिता राठी, संचालन कमल बागडी, और आभार प्रदर्शन सुरेश राठी ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।