प्रतीकात्मक तस्वीर
यवतमाल. मुख्यमंत्री सौर कृषि चैनल योजना 2.0 के तहत खेती के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराने की उपमुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना जल्द साकार हो रही है. जिले में 1 हजार 138 एकड़ सरकारी जमीन पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं का क्लस्टर स्थापित कर 211 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए निविदाएं जारी कर दी गई हैं. इसलिए जिले में खेती को जल्द ही दिन में बिजली मिलेगी.
जिले में क्लस्टर-1 में 57 सौर परियोजनाओं के माध्यम से 211 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसमें से 1 हजार 138 एकड़ सरकारी जमीन महावितरण को हस्तांतरित कर दी गई है. जिले को निविदा प्रक्रिया के पहले दौर में रखा गया है और जिले में 49 उपकेंद्रों के लिए 57 सौर परियोजनाओं के निर्माण के लिए निविदा (6 सितंबर) को प्रकाशित की गई है.
जिले में इस योजना को गति देते हुए कलेक्टर डॉ. पंकज आशिया, तत्कालीन कलेक्टर अमोल येडगे, महावितरण के मुख्य अभियंता ज्ञानेश कुलकर्णी, प्रभारी अधीक्षक अभियंता संजय खंगार और सभी विभागीय कार्यकारी अभियंताओं ने मिलकर क्षेत्र में जगह उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया. लक्ष्य के मुताबिक जिले में 1 हजार 138 एकड़ सरकारी जमीन मिली है. कार्यकारी अभियंता शशांक पोंक्षे और उप कार्यकारी अभियंता भरत अंजनकर, निखिल राऊत, विशाल रघाटाटे ने संबंधित सरकारी विभाग के समन्वय से भूमि को मापने और निर्धारित करने के लिए विशेष प्रयास किए. इसके बाद सरकार ने इस जमीन के लिए 30 साल के लिए लीज एग्रीमेंट साइन किया.
जिले में 49 तालुकावार उपकेंद्रों के लिए 1 हजार 138 एकड़ भूमि पर सौर परियोजनाओं का एक समूह बनाया जाएगा, इससे जिले के सभी किसानों को लाभ होगा. तहसील के अनुसार यवतमाल में 59 एकड़ भूमि पर 4 स्थानों पर 3 उपकेंद्र स्थापित किए जाएंगे, कलंब में 3 स्थानों पर 62 एकड़ भूमि पर 3 उपकेंद्र स्थापित किए जाएंगे, रालेगांव 1 सौर परियोजना होगी 1 उपकेंद्र के लिए 15 एकड़ जमीन, बाभुलगांव के 3 उपकेंद्र के लिए 37 एकड़ जमीन पर 3 सोलर प्रोजेक्ट, आर्णी में 3 सौर परियोजना 3 उपकेंद्र के लिए 105 एकड़ जमीन, 30 एकड़ जमीन नेर तालुका में 2 सौर परियोजनाओं के लिए, दारव्हा तालुका में 79 एकड़ भूमि पर 3 उप-केंद्रों के लिए 4 सौर परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा.
दिग्रस तहसील में 81 एकड़ भूमि पर 2 उपकेंद्रों के लिए 3 स्थानों पर सौर परियोजना स्थापित की जाएगी, पुसद तालुका में 12.35 एकड़ भूमि पर 1 उपकेंद्र के लिए 1 स्थान पर एक सौर परियोजना स्थापित की जाएगी, उमरखेड़ में 7 सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी 204 एकड़ भूमि पर 7 उपकेंद्रों के लिए, महागांव में 5 उपकेंद्रों के लिए 212 एकड़ भूमि, 3 सौर परियोजनाएं, घाटंजी में 5 उपकेंद्रों के लिए 76 एकड़ भूमि पर 5 सौर परियोजनाएं, केलापुर 64 एकड़ भूमि में 4 उपकेंद्र और 4 सौर परियोजनाएं, मारेगांव 25 एकड़ भूमि 1 उपकेंद्र के आसपास 1 सौर परियोजना, वणी में 40 एकड़ भूमि 3 उपकेंद्रों के आसपास 3 सौर परियोजनाएं और झरी जामनी तहसील में 67 एकड़ जमीन पर 5 उपकेंद्रों के आसपास 5 सौर परियोजनाएं बनाकर कुल 211 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी.
किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0’ परियोजना को महावितरण द्वारा पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर लागू किया जा रहा है. ‘मिशन 2025’ में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करके 7000 मेगावाट बिजली पैदा करने और 2025 तक राज्य में 30 प्रतिशत कृषि चैनलों को सौर ऊर्जा पर चलाने की योजना बनाई गई है.