साहस, शौर्य व पराक्रम का स्मरण (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Pusad: भारतीय सेना के वीरतापूर्ण पराक्रम अर्थात सर्जिकल स्ट्राइक की स्मृति में 29 सितंबर को भारतीय सैनिकों के अतुलनीय साहस, शौर्य और पराक्रम का स्मरण किया गया। संस्था के अध्यक्ष सुभाष कोसलगे, कारगिल युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले सम्मानित मेजर दिलीप कांबले, पूर्व सैनिक उल्हास राठौड़ की धर्मपत्नी वीरमाता चंद्रकला राठौड़ और विशेष अतिथि कविराज भोजन्ना अरिपेलवार उपस्थित थे।
सर्वप्रथम गणमान्यों ने दीप प्रज्वलित कर भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। चंचल वकील राठौड़ और नेहा सुधाकर राठौड़ ने मधुर स्वर में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। सत्कारमूर्ति मेजर दिलीप कांबले और वीरमाता चंद्रकला राठौड़ का शाल, श्रीफल और पुष्पगुच्छ से सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य गणेश धर्माले ने अपने परिचय में सर्जिकल स्ट्राइक अर्थात शौर्य दिवस का महत्व विस्तार से समझाया और कहा कि जो सैनिक अपने परिवार से पहले देश को मानकर किसी भी परिस्थिति में देश की रक्षा करता है, वही सच्चा देशभक्त होता है।
जैसे ही मुख्य अतिथि मेजर दिलीप कांबले ने लद्दाख के उत्तरी कारगिल जिले की पर्वत चोटियों से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने के लिए हुए साठ दिनों के युद्ध की रोमांचक घटना सुनाई, सभी छात्र अवाक रह गए। उन्होंने कहा कि जो सैनिक विपरित परिस्थितियों में भी भारतीय जनता की रक्षा के लिए अपने घर-परिवार, त्यौहार, पारिवारिक, धार्मिक कार्यक्रम छोड़कर हमेशा सीमा पर तैनात रहते हैं, उनका भी उसी तरह सम्मान किया जाना चाहिए।
वीरमाता चंद्रकला राठौड़ ने मुझे विद्यालय में बुलाकर सम्मानित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए भावुक हो गईं। इस अवसर पर छात्र भी भावुक हो गए। कविराज भोजना ने स्वरचित देशभक्ति कविता प्रस्तुत कर कार्यक्रम में रंग भर दिया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय को एक फोटो सेट भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन छाया वाघमारे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सुनीता चव्हाण ने किया। कार्यक्रम के बाद, छात्रों ने मेजर दिलीप कांबले और वीरमाता चंद्रकला राठौड़ के साथ सेल्फी ली, जबकि कई छात्रों ने सेना में भर्ती होने की इच्छा व्यक्त की।
ये भी पढ़े: महाराष्ट्र मंदिरों की हड़पी जमीनों का होगा सर्वे, ‘एंटी लैंड ग्रैबिंग एक्ट’ लागू करने के आदेश
अपने अध्यक्षीय भाषण में संस्था के अध्यक्ष कोसलगे ने कहा कि हमारी भारतीय थल सेना, जल सेना और वायु सेना, तीनों ही प्रकार से सदैव हमारी रक्षा करती हैं। वे वीरतापूर्वक विजय प्राप्त करने की क्षमता रखती हैं और आपदा के समय भी सहायता करती हैं। उनके कार्यों को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी देशभक्ति का परिचय देना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय में संचालित गतिविधियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।