
सुनील गावस्कर और गौतम गंभीर (फोटो- सोशल मीडिया)
Sunil Gavaskar on Gautam Gambhir: साउथ अफ्रीका ने भारतीय टीम को दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से मात देकर बड़ा झटका दिया है। गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह ढह गई और टीम 25 साल बाद अपने घर में साउथ अफ्रीका के हाथों टेस्ट सीरीज गंवा बैठी। इस हार के बाद टीम इंडिया के प्रदर्शन को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं और आलोचकों ने हेड कोच गौतम गंभीर को कटघरे में खड़ा किया है।
टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के बाद कई पूर्व खिलाड़ी और फैंस गंभीर की रणनीतियों पर सवाल कर रहे हैं और उन्हें हटाने की मांग तक कर दी है। उनका तर्क है कि टीम का बैटिंग ऑर्डर लगातार असफल रहा, लेकिन इसका दोष सीधे कोच पर मढ़ दिया गया। वहीं दूसरी ओर कई क्रिकेट विशेषज्ञ इस आरोप को उचित नहीं मानते।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर गंभीर के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि कोच की भूमिका टीम को तैयार करने तक सीमित होती है, लेकिन मैदान पर प्रदर्शन खिलाड़ियों को ही करना होता है। गावस्कर ने कहा कि जब गंभीर की अगुवाई में चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे बड़े खिताब टीम इंडिया ने अपने नाम किए, तब किसी ने उनकी तारीफ में यह नहीं कहा कि उन्हें लंबा अनुबंध दिया जाए।
गावस्कर ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि “अगर जीत का क्रेडिट गंभीर को नहीं दिया गया था, तो हार के लिए केवल उन्हें क्यों जिम्मेदार ठहराया जा रहा है?” उन्होंने साफ कहा कि टीम के खराब प्रदर्शन का ठीकरा सिर्फ कोच पर फोड़ना सही तरीका नहीं है।
गुवाहाटी टेस्ट में भारत ने इतिहास की सबसे बड़ी हार झेली। साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को 408 रनों से हराकर रनों के लिहाज से अब तक की सबसे भारी शिकस्त दी। यह पहला मौका था जब भारत किसी टेस्ट मुकाबले में 350 से अधिक रनों से हारा हो।
सिर्फ इतना ही नहीं, पूरी टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाज फ्लॉप रहे। पिछले 20 साल में पहली बार कोई भारतीय बल्लेबाज टेस्ट सीरीज में एक भी शतक नहीं लगा पाया। टॉप ऑर्डर से लेकर निचले क्रम तक हर खिलाड़ी संघर्ष करता दिखा, जिसकी वजह से टीम लगातार दो मैच हार बैठी।
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इस हार का असर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के प्वाइंट्स टेबल पर भी साफ दिखा। लगातार दो हार झेलने के बाद भारत का WTC फाइनल का सफर मुश्किल स्थिति में पहुंच गया है। अब टीम इंडिया को बाकी बचे मुकाबलों में दमदार प्रदर्शन करते हुए बड़ी जीत दर्ज करनी होगी, तभी फाइनल की उम्मीदें जीवित रह पाएंगी।






