880 गांवों में होगी पानी की जांच। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
वर्धा: नागरिकों को शुद्ध व सुरक्षित जल मिले, इसके लिए विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इसके तहत राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले के करीब 880 गांवों में जल स्रोत की रासायनिक व जैविक गुणवत्ता जांच की जाने वाली है। उपरोक्त मुहिम का 12 मई को शुभारंभ हो चुका है, जो 7 जून तक चलेगी। इस दौरान फिल्ड टेस्ट किट के जरिए पानी की गुणवत्ता जांच के साथ जन जागरूकता पर भी जोर दिया जाएगा।
इस मुहिम का शुभारंभ जिप के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितिन रहमान की उपस्थिति में हुआ। इस प्रसंग पर उपमुख्य कार्यकारी अमोल भोसले, जल जीवन मिशन के प्रकल्प संचालक विट्ठल जाधव, महिला व बाल कल्याण विभाग प्रमुख मनिषा कुलसंगे सहित जिप के जलापूर्ति व स्वच्छता मिशन कक्ष के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।
ग्रामीण अंचल में चलने वाली इस मुहिम में महिलाओं की भूमिका अहम बताई गई है। फिल्ड टेस्ट किट के लिए हर गांव से 5 महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी। स्कूल, आंगनवाड़ी, जलापूर्ति योजना, घरेलू नल आदि ठिकानों पर पानी की जांच ये महिलाएं करेंगी। इसकी रिपोर्ट वरिष्ठों को भेजी जाएगी। इसी के साथ विद्यार्थियों का भी सक्रिय सहभाग रहेगा। 8वीं से 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को एफटीके द्वारा प्रायोगिक बताया जाएगा। पश्चात वे पानी की जांच, पंजीकरण व स्थानीय नागरिकों में जन जागरूकता में अपना सक्रिय सहभाग दिखाएंगे।
उपरोक्त मुहिम 2 चरणों में चलाई जा रही है। पहले चरण में तहसील स्तर पर 19 से 23 मई के दौरान शुभारंभ होगा। पश्चात दूसरे चरण में 2 से 7 जून के दौरान ग्राम पंचायत स्तर पर प्रभावी अमल किया जाएगा। एफटीके यानी फिल्ड टेस्टिंग किट है, जो पानी की जांच का एक उपकरण है, जो पानी के रासायनिक व जैविक गुणधर्म की जांच के लिए उपयोग में लाया जाता है।
2 चरणों में इसके माध्यम से ही पानी की शुद्धता की जांच की जाएगी। इस मुहिम पर प्रभावी रूप से काम करने का आह्वान जिप के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितिन रहमान व अन्य अधिकारियों ने किया है।