
वर्धा न्यूज
Wardha Nagar Parishad Election: नगर परिषद चुनाव की घोषणा होने के उपरांत राजनीतिक दल व उनके संभावित प्रत्याशी संक्रीय हुए हैं। भाजपा ने अपना आंतरिक सर्वे का का काम पूर्ण किया है। वहीं कांग्रेस व राकां की भी संभावित प्रत्याशियों की सूची अंतिम हुई है। आने वाले दिनों सभी राजनीतिक दल गठबंधन अथवा स्वतंत्र लड़ने की अपनी भूमिका स्पष्ट कर सकते है।
किंतु अब तक किसी भी दल ने गठबंधन के संदर्भ में कोई मत व्यक्त नहीं किया है। परिणामवश सभी दल मैत्रीपूर्ण चुनाव लड़ने की संभावना है। जिले में वर्धा, हिंगनघाट, आर्वी, पुलगांव, देवली सिंदी रेलवे यह 6 नगर परिषद हैं। वर्धा में 40, हिंगनघाट में 40, आर्वी 25, पुलगांव 21, देवली 20 व सिंदी में 20 ऐसी 166 सीट हैं। नगराध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से होने वाला है।
वर्धा का नगराध्यक्ष पद ओबीसी के लिए आरक्षित है। हिंगनघाट व आर्वी का महिला अनारक्षित, पुलगांव ओबीसी महिला, देवली ओपन, सिंदी रेलवे महिला अनारक्षित है। वर्धा व हिंगनघाट में समान सीटें होने के बावजूद सबसे अधिक मतदाता हिंगनघाट में है। मतदाताओं की संख्या इस प्रकार है। वर्धा 88,013, हिंगनघाट 94,359, आर्वी नगर परिषद 42,222, पुलगांव 29,065, देवली 18,500, सिंदी रेलवे 12388 ने मतदाता है।
पिछले नगर परिषद चुनाव में भाजपा का बोलबाला रहा था। 6 नप में भाजपा के नगराध्यक्ष चुनकर आये थे। तथा वर्धा, हिंगनघाट, आर्वी, देवली में पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था। पुलगांव व सिंदी में भाजपा बहुमत के करीब पहुंची थी। इस बार भी पार्टी यही सिलसिला कायम रखना चाहती है। मात्र कांग्रेस, राकां एसपी गुट, उबाठा भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में है।
भाजपा ने नप क्षेत्र में अपना आंतरिक सर्वे कराया है। जिसकी पूरी रिपोर्ट हाईकमांड को भेजी गई है। पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर, विधायक समीर कुणावार, दादाराव केचे, सुमित वानखेड़े, राजेश बकाने व कोअर कमेटी सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लेगी। वहीं राकां एसपी गुट में सांसद अमर काले, जिलाध्यक्ष अतुल वांदिले की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। सहकार गुट की और से कुछ सीटों पर दावा किया जा सकता है।
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मात्र काले व वांदिले सहकार गुट को कितनी प्राथमिकता देते है, इस पर निर्भर होगा। कांग्रेस में शेखर शेंडे व रंजीत कांबले ऐसे दो गुट में टकराव हो सकता है। वर्धा नप की कुछ सीटों पर कांबले गुट अपना दावा कर सकता है। राकां अजीत पवार गुट व शिवसेना शिंदे गुट सावधानी पुर्वक कदम रख रहा है। अगले सप्ताह तक सभी राजनीतिक गुट अपने पत्ते पुरे खोल सकते है। तब तक संभावित प्रत्याशियों को प्रतीक्षा करनी होगी।
संभाव्य प्रत्याशियों ने चुनाव की घोषणा के बाद जनसंपर्क बढ़ाना शुरू किया है। प्रभाग के महत्वपूर्ण व्यक्तियों के यहां जाकर उन्हें लुभाने के प्रयास करने करने में जुट गये है। वहीं कुछ संभाव्य प्रत्याशियों प्रभाग की वर्तमान स्थिति देखते हुए अपने दूसरे दमदार साथी की खोज आरंभ की। एक प्रभाग से दो पार्षद होने से सभी संभाव्य एक दूसरे को सहयोग के साथ वोट अपने पाले में डालने वाले सहयोगी की खोज में है। ऐसे में सभी दलों दोनों प्रत्याशी दमदार देने होंगे। तभी जीत की गारंटी बढ़ेगी।






