
वर्धा न्यूज
Maharashtra Germany MoU: जर्मनी के बाडेन-वुटेनबर्ग राज्य के साथ महाराष्ट्र सरकार ने कुशल मानव संसाधन आपूर्ति को लेकर एक समझौता किया था। इसके तहत वर्धा जिले के होनहार युवाओं को जर्मनी में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने थे। इसी उद्देश्य से वर्धा जिले में पांच प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर कुल 64 युवाओं का पंजीयन भी किया गया।
इस संबंध में जिले से एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेजी गई, लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बावजूद वरिष्ठ स्तर से कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है। परिणामस्वरूप जिले के युवाओं का जर्मनी जाने का सपना टूटने की कगार पर पहुंच गया है। सरकार की इस कार्यप्रणाली पर अब पंजीकृत युवा सवाल खड़े कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बाडेन-वुटेनबर्ग राज्य ने महाराष्ट्र सरकार से न्यूनतम 10 हजार कुशल मानव संसाधन की मांग की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह करार किया। जर्मनी जाने के इच्छुक युवाओं को पहले जर्मन भाषा और वहां के सामाजिक एवं कार्य-संस्कृति (राजशिष्टाचार) का प्रशिक्षण दिया जाना था।
यह प्रशिक्षण जर्मनी की गोएथे संस्था के सहयोग से देने की योजना थी। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवाओं को जर्मनी में आकर्षक वेतन पर रोजगार मिलने का भरोसा दिया गया था। यह उपक्रम प्रायोगिक स्तर पर शुरू किया गया था और संबंधित एग्रीमेंट 25 फरवरी 2024 को हुआ था।
स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशिक्षण पूर्ण करने वाली नर्स, सहायक रेडियोलॉजिस्ट, सहायक दंत चिकित्सक, वैद्यकीय लेखा अधिकारी; कौशल विकास क्षेत्र में रिसेप्शन ऑपरेटर, कुक, होटल मैनेजर; तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षित इलेक्ट्रिशियन, अक्षय ऊर्जा तकनीशियन, थर्मल तकनीशियन, मिस्त्री, नल कनेक्शन कर्मचारी, वाहन चालक, सुरक्षा रक्षक सहित कुल 30 अलग-अलग क्षेत्रों के प्रशिक्षणार्थियों को यह स्वर्ण अवसर बताया गया था।
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इस एग्रीमेंट के तहत विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण लेने और जर्मनी में रोजगार के इच्छुक युवाओं का पंजीयन ऑनलाइन पद्धति से किया गया था। वर्धा जिले में प्रशिक्षण के लिए जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्था में 2 केंद्र, कमला नेहरू स्कूल में 2 केंद्र और स्वावलंबी डीएड कॉलेज में 1 केंद्र, कुल 5 केंद्र निर्धारित किए गए थे, जहां दो चरणों में प्रशिक्षण दिया जाना था। लेकिन प्रक्रिया आगे न बढ़ने से युवाओं में यह डर पैदा हो गया है कि कहीं उनका जर्मनी जाने का सपना अधूरा न रह जाए।
इस पहल के तहत जिले के 64 इच्छुक युवाओं ने अपना पंजीयन कराया है। इस संबंध में सरकार को रिपोर्ट भी भेजी गई है, लेकिन अब तक वरिष्ठ स्तर से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं होने के कारण पूरी प्रक्रिया ठप पड़ी है। पंजीकृत युवा लगातार जानकारी के लिए संपर्क कर रहे हैं।
– डॉ. मंगेश घोगरे, प्राचार्य, जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्था






