
चीन ने ताइवान के खिलाफ उतारी वॉरशिप और फाइटर जेट्स, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
China Military Drill News In Hindi: चीन ने ताइवान के चारों ओर अब तक का सबसे व्यापक और आक्रामक सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। सोमवार से शुरू हुए इस अभ्यास को ‘जस्टिस मिशन 2025’ नाम दिया गया है। चीन का कहना है कि इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध की स्थिति में ताइवान को चारों तरफ से घेरने और उसे बाहरी दुनिया से पूरी तरह काट देने की रणनीति को परखना है।
चीन के ईस्टर्न थिएटर कमांड के अनुसार, इस सैन्य अभ्यास में थलसेना, नौसेना और वायुसेना तीनों की संयुक्त भागीदारी है। बड़ी संख्या में सैनिकों के साथ-साथ युद्धपोत, लड़ाकू विमान, तोपें और अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम तैनात किए गए हैं। अभ्यास के दौरान जमीन और समुद्र में बनाए गए लक्ष्यों पर लाइव फायरिंग की जा रही है। इसके साथ ही ताइवान के प्रमुख बंदरगाहों को बंद करने और सप्लाई लाइनों को बाधित करने की रणनीति का भी अभ्यास किया जा रहा है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सोमवार को आइलैंड के आसपास 89 चीनी सैन्य विमान, 14 युद्धपोत और 14 कोस्ट गार्ड बोट्स की गतिविधियां दर्ज की गईं। इसके अलावा पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चीन के चार अतिरिक्त युद्धपोत भी देखे गए। ताइवान ने इन गतिविधियों को गंभीर उकसावे की कार्रवाई बताया है।
चीन की मैरीटाइम सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन ने ताइवान के आसपास के 7 समुद्री क्षेत्रों को आधिकारिक तौर पर एक्सरसाइज जोन घोषित किया है। इन इलाकों में मंगलवार तक लाइव फायरिंग जारी रहने की चेतावनी दी गई है। यह अभ्यास पहले के मुकाबले कहीं अधिक व्यापक और ताइवान के बेहद करीब माना जा रहा है। शुरुआत में पांच क्षेत्रों में फायरिंग की बात कही गई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर सात कर दिया गया।
इन सैन्य गतिविधियों का असर आम नागरिकों पर भी पड़ा है। चीन के परिवहन मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को होने वाले अभ्यासों के कारण एक लाख से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की उड़ानें प्रभावित हुई हैं जबकि करीब 80 घरेलू फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ी हैं।
यह 2022 के बाद से चीन का छठा बड़ा सैन्य अभ्यास है। उस समय अमेरिका की तत्कालीन हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद भी चीन ने बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किए थे। मौजूदा अभ्यास ऐसे समय में हो रहे हैं, जब जापान के प्रधानमंत्री ने संकेत दिए हैं कि यदि चीन ताइवान पर हमला करता है तो जापान भी सैन्य प्रतिक्रिया दे सकता है।
चीन इन अभ्यासों के जरिए अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को भी कड़ा संदेश देना चाहता है। खास बात यह है कि इस बार चीन ने ह्यूमनॉइड रोबोट, माइक्रो ड्रोन और हथियारों से लैस रोबोटिक डॉग्स जैसी भविष्य की सैन्य तकनीकों का भी प्रदर्शन किया है।
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ताइवान ने इन अभ्यासों की कड़ी निंदा की है और अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है। ताइवान ने अमेरिका से मिले HIMARS रॉकेट सिस्टम समेत अपने हथियारों का प्रदर्शन कर यह संकेत दिया है कि वह किसी भी स्थिति के लिए तैयार है।






