वर्धा जिला परिषद कार्यालय पहुंचे किसान (फोटो नवभारत)
Wardha News In Hindi: वर्धा जिले में पिछले दो से ढाई महीनों से जारी मूसलधार बारिश और बादल फटने जैसी स्थिति ने पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया है। इस भीषण बारिश के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
सरपंचों ने जिला परिषद पर दस्तक देते हुए अपनी मांग रखी। उन्होंने कहा कि ऐसी संकट की घड़ी में सरकार से मांग है कि वह जिले में गिला अकाल घोषित करें और किसानों को आर्थिक सहायता के साथ पूर्ण कर्जमाफी प्रदान करें। सरपंच संगठन ने इस आशय की मांग को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया।
पिछले वर्ष सोयाबीन की फसल में रोगों की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ था। इस साल अच्छी पैदावार की उम्मीद में किसानों ने नई किस्म की महंगी सफेद फूल वाली सोयाबीन बीज खरीदी और अपने खेतों में इसकी बुआई की। लेकिन जब फसल फलने की स्थिति में पहुंची, तभी यलो मोजैक वायरस का प्रकोप शुरू हो गया, जिससे फसल पीली पड़कर नष्ट हो गई।
इससे किसानों की सारी उम्मीदें चूर हो गईं और भारी आर्थिक नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, लगातार दो-ढाई महीने से हो रही बारिश के कारण खेतों की फसलें बह गईं, तुअर की फसल सड़ गई और कपास की फसल की वृध्दि रुक गई। कई स्थानों पर कपास की फसल भी पीली पड़ गई है। किसानों ने अपने पास जो भी पैसे थे, वह इन फसलों में लगा दिए, लेकिन अब तो लागत भी निकलना मुश्किल हो गया है।
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इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सरपंच संगठन की ओर से सरकार से अपील की गई है कि जिले में गिला अकाल घोषित करें, किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए और पूर्ण कर्जमाफी की जाए ताकि बुरी तरह प्रभावित किसान इस संकट से उबर सकें।
यह मांग संगठन के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र राऊत, जिला सचिव सचिन गावंडे, जिला प्रमुख विलास नवघरे, विधानसभा अध्यक्ष किशोर नेवल, रेणुकामाता कोटबंकर, राजू नौकरकर, मुरलीधर चौधरी, जगदीश वरटकर, राजेश्री गावंडे, गजानन भोरे, संदीप डोबले, धीरज लेंडे, माऊसक्कर, डेकाटे, प्रांजल येडे, देवेंद्र बुके, अंकित कावले, प्रशांत कठीणे, सतीश ठाकरे, संजय ढोमणे, संतोष सेलूकर सहित जिले के सभी सरपंचों द्वारा की गई है।