वन विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते लोग (फोटो नवभारत)
Tiger Threat In Wardha: वर्धा जिले के आष्टी तहसील के घने जंगल में बोरखेडी, थार व अन्य गांव बसे हैं। इस परिसर में बाघ, तेंदुए व भालू आदि हिंसक जीवों का मुक्त विचरण होता है। आये दिन वन्यजीवों के हमले हो रहे हैं। इसमें कई पशुओं की मौत हो रही है, जिससे क्षेत्र के किसान और गोपालक चिंता में हैं। दिन-ब-दिन हिंसक जीवों की दहशत बढ़ रही है।
कुछ दिनों से बाघ का मुक्त विचरण परिसर में हो रहा है। बाघ का तुरंत बंदोबस्त करने की मांग क्षेत्र के गवली समाज ने वनविभाग से की है, अन्यथा तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
हाल ही में बाघ ने भैंसों के झुंड पर हमला बोल दिया था। इस घटना के बाद से गोपालकों में डर और अधिक बढ़ गया है। कभी बाघ बैलबंडी के सामने आ जाता है, तो कभी क्षेत्र के खेतों में दिखाई देता है। भयभीत गोपालकों ने वनपरिक्षेत्र अधिकारी, तहसीलदार, थानेदार को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
वर्धा जिले के आष्टी तहसील के किन्ही, मोई, बोरखेडी, थार, चामला, बांबर्डा, बोटोणा आदि गांव बाघ के आतंक में हैं। समय रहते बाघ का बंदोबस्त नहीं किया गया तो बड़ी अनहोनी की आशंका जताई जा रही है।
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वनपरिक्षेत्र अधिकारी योगानंद उईके, तहसीलदार यशवर्या गिरी, थानेदार राजेश जोशी से गोपालकों ने गुहार लगाई है। ज्ञापन देते समय अशोक विजेकर, पेठ अहमदपुर के पूर्व सरपंच काशिनाथ कालोकर, मारोती घटी, भाविक घटी, गोपाल घटी, सतीश चंदीवाले, घनश्याम भागानगरे, गजानन चेले, गणेश चेले, संदीप नायकुजी, विनोद बिटणे, श्रीकृष्ण चंदीवाले, धनराज लोमटे, पुंडलिक लोमटे, उमेश चंदीवाले, अर्जुन कडताई, गावित घटी, दिवाकर घटी सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।