खरीदी केंद्र में रखा धान (फोटो नवभारत)
Gadchiroli News in Hindi: किसानों ने पसीना बहाकर, कड़ी धूप और मेहनत से तैयार किया गया धान आज सरकार की लापरवाही के कारण खुले में पड़ा सड़ रहा है। गड़चिरोली जिले के अहेरी विभाग की सभी पांचों तहसीलों- एटापल्ली, भामरागड़, मूलचेरा, अहेरी और सिरोंचा के खरीदी केंद्रों पर पिछले कई महीनों से लाखों क्विंटल धान खुले में पड़ा है। लगातार बारिश से इस धान का भारी नुकसान हुआ है। ऑल इंडिया किसान सभा ने आरोप लगाया कि यह धान खाने लायक भी नहीं रहा।
धान की इस तरह अमानवीय बर्बादी होना केवल किसानों के साथ अन्याय नहीं बल्कि करोड़ों रुपये की बर्बादी है। सरकार की जनविरोधी मानसिकता का जीता-जागता प्रमाण है, ऐसा किसान सभा ने कहा है। धान के इस गंभीर प्रश्न पर ऑल इंडिया किसान सभा की गडचिरोली जिला काउंसिल ने उप प्रादेशिक प्रबंधक, आदिवासी विकास महामंडल कार्यालय, अहेरी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में किसान सभा ने नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। सड़ रहा सारा धान 15 दिनों के भीतर तत्काल उठाया जाए, और यदि धान की उचल संभव नहीं हो तो इसे स्थानीय जनता में मुफ्त वितरित किया जाए।
इन मांगों को अगर शासन ने नहीं माना, तो जनता अब शांत नहीं बैठेगी। किसान सभा के नेतृत्व में किसान और जनता सड़कों पर उतरकर धान फेंको आंदोलन शुरू करेंगे। इस आंदोलन के तहत सड़ा-गला धान ट्रक, ट्रैक्टर और बैलगाड़ियों में भरकर सीधे महामंडल कार्यालय के सामने फेंका जाएगा। इससे उत्पन्न होने वाली स्थिति की पूरी जिम्मेदारी शासन और महामंडल की होगी।
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धान के प्रश्न पर किसान सभा के सचिन मोतकुरवार, सूरज जक्कुलवार, रमेश कवडो, सत्तू हेडो आदि ने प्रशासन से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि, किसानों के पसीने से पैदा अन्न को सड़ने देना शासन द्वारा जनता और किसानों का घोर अपमान है। जनता अब हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगी। धान उठाया नहीं गया तो महामंडल कार्यालय में धान फेंककर भ्रष्ट महामंडल का असली चेहरा उजागर किया जाएगा।