जिला परिषद वर्धा (सौजन्य-नवभारत)
Wardha News: वर्धा जिले में कई वर्षों से अध्यक्ष पद से वंचित रही वर्धा जिला परिषद के अध्यक्ष पद का आरक्षण आखिरकार घोषित कर दिया गया है। चुनाव की प्रतीक्षा कर रहे कई लोगों को घोषित आरक्षण से राहत मिली है, तो कुछ को झटका भी लगा है। वर्धा की मिनी मंत्रालय मानी जाने वाली जिला परिषद का अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है।
जिला परिषद के अध्यक्ष के साथ-साथ जिले की सभी आठ पंचायत समितियों के सभापति पदों का आरक्षण भी घोषित कर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली जिला परिषद का कार्यकाल समाप्त हुए साढ़े तीन वर्ष से अधिक समय हो चुका है। इस दौरान प्रशासक के भरोसे कामकाज चल रहा था, जिससे कई कार्य लंबित थे। इन कार्यों को गति देने के लिए जिला परिषद चुनाव की ओर सभी की नजरें लगी हुई थीं।
अब आरक्षण घोषित हो जाने के कारण यह संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव जल्द ही होंगे। ऐसे में आरक्षित पदों के लिए मजबूत उम्मीदवार कौन होगा, इस पर सभी राजनीतिक दलों में चर्चा शुरू हो गई है। चुनाव की तारीख तक सभी संभावित उम्मीदवारों की पड़ताल सभी राजनीतिक दलों द्वारा की जाएगी। जिले में जिला परिषद की 52 व पंस की 104 सीटो के लिए चुनाव लिया जाएगा़ किसी भी समय चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने की संभावना है।
जिला परिषद के आरक्षण के साथ-साथ पंचायत समितियों का आरक्षण भी घोषित किया गया है। 8 पंचायत समितियों में से एक पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। एक पद अनुसूचित जनजाति, एक पिछड़ा वर्ग (महिला), एक सामान्य और सामान्य वर्ग में दो महिला तथा दो पुरुषों के लिए आरक्षण तय किया गया है।
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लगभग 25 वर्ष बाद दूसरी बार अनुसूचित जाति को जिला परिषद अध्यक्ष पद का आरक्षण मिलने जा रहा है। इसके पूर्व 1999 में अनुसूचित जाति प्रवर्ग की सदस्य सिम्मतीनी हातेकर को अध्यक्ष पद दिया गया था। फलस्वरुप जिले में दूसरी बार है कि, जिला परिषद में अनुसूचित जाति का अध्यक्ष बनेगा।