वर्धा. जिले की चार नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव का बिगुल बज चुका है. जिलाधिकारी ने चुनाव की प्रक्रिया घोषित कर दी है. मंगलवार, 8 फरवरी को नपं अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरे जाएंगे. 15 फरवरी को नपं अध्यक्ष पद के साथ ही उपाध्यक्ष के लिए चुनाव होगा. राजनीतिक दलों की ओर से अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को लेकर सस्पेंस कायम रखा गया है. अध्यक्ष पद के लिए संभावितों ने वरिष्ठ नेताओं से लाबिंग शुरू कर दी है. जिले की समुद्रपुर, सेलू, कारंजा घाड़गे व आष्टी शहीद नगर पंचायत की मतगणना 19 जनवरी को हुई थी. मतगणना के बाद सभी दलों की नजरें नपं अध्यक्ष पद के आरक्षण पर लगी थी.
राज्य सरकार ने आरक्षण घोषित करने के उपरांत अध्यक्ष पद चुनाव की गतिविधियां तेज हो गई. आष्टी शहीद नपं छोड़ अन्य तीनों जगह पर सर्वसाधारण महिला प्रवर्ग तथा आष्टी शहीद में सर्वसाधारण पुरुष के लिये आरक्षण घोषित हुआ है. आरक्षण निर्धारित होने से नपं अध्यक्ष पद चुनाव की ओर सभी प्रत्याशियों के साथ राजनीतिक दलों की निगाहें लगी थी.
जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने नपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया है. 8 फरवरी को सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक नपं अध्यक्ष पद के लिये नपं कार्यालय में नामांकन पत्र के वितरण के साथ ही इसे स्वीकृत किए जायेंगे. 2 बजे के उपरांत नामांकनों की छंटनी होगी़ शाम 5 बजे नामांकन की सूची प्रसिध्द की जाएगी़ 10 फरवरी की शाम 5 बजे तक अपील दाखिल करने के लिये समयावधि दिया गया है. 11 फरवरी को पात्र नामांकनों की सूची प्रसिद्ध होगी. 14 की शाम 4 बजे तक नामांकन पीछे लेने का समय दिया गया है. 15 को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक उपाध्यक्ष पद के लिये नामांकन पत्र स्वीकारे जाएंगे. दोपहर 1 बजे नपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिये विशेष सभा होगी. अध्यक्ष पद का चुनाव होने के बाद उपाध्यक्ष के लिये दाखिल नामांकन की छंटनी होगी़ पात्र प्रत्याशियों की सूची घोषित करने के उपरांत 15 मिनट के भीतर नामांकन पत्र वापस लेने का समय रहेगा. तत्पश्चात उपाध्यक्ष का चुनाव होगा.
जिले की चार नपं में से कारंजा व आष्टी में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत होने से उनका अध्यक्ष होना तय है. किंतु अध्यक्ष पद को लेकर पूर्व विधायक अमर काले ने अपने पत्ते अब तक नहीं खोले है. इससे नागरिकों की नजर अगले अध्यक्ष की ओर लगी है. काले की कृपादृष्टि जिस पर रहेगी, वह नया नपं अध्यक्ष बनेगा.
सेलू नपं बनने के बाद कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था. इस बार कांग्रेस के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है. परंतु कांग्रेस के दोनों गुटों को एकमंच पर लाने की जी तोड़ कोशिश पालकमंत्री सुनील केदार ने की, जिससे कांग्रेस ने बहुमत का जुगाड़ कर लिया है. नये अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को लेकर दोनों गुटों में माथापच्ची शुरू है. वहीं भाजपा भी कांग्रेस के एक गुट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में सेलू नपं की ओर सभी की नजरें लगी है.
समुद्रपुर नपं में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. राकां व भाजपा को चार-चार सीटें मिली है. बहुमत के लिये 9 सदस्य की आवश्यकता है. राकां का किसान संगठन के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होने के कारण उनके पास 6 सदस्य है. उन्हें तीन सदस्यों की आवश्यकता है. वहीं भाजपा भी बसपा, शिवसेना व निर्दलीय को पकड़कर सत्ता के समीकरण जोड़ने प्रयासरत है. बीते पांच वर्ष नपं में भाजपा की सत्ता थी. यह सत्ता कायम रखने विधायक समीर कुणावार हरसंभव प्रयास कर रहे है. उनके प्रयास को नाकाम करने में राकां नेता एड. सुधीर कोठारी जुड़े है.