
हर्षवर्धन सपकाल ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना (सौजन्य: सोशल मीडिया)
Wardha News: महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में ‘स्टार’ लगाने के निर्णय पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जब आयोग के पास उन मतदाताओं का पूरा डेटा उपलब्ध है, जिनके नाम दो, तीन या सौ से भी अधिक बार सूची में दर्ज हैं, तो उसे केवल दिखावटी तौर पर ‘दो नंबर का स्टार’ नहीं लगाना चाहिए। बल्कि जिन मतदाताओं के नाम दो बार हैं, उन्हें दो स्टार; जिनके तीन बार हैं, उन्हें तीन स्टार, और जिनके नाम 200 बार हैं, उन्हें उतने ही स्टार लगाए जाने चाहिए।
सपकाल वर्धा में 5 नवंबर को एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी का मामला बेहद गंभीर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस संबंध में सबूतों के साथ जानकारी सार्वजनिक की है, लेकिन चुनाव आयोग उल्टा उनसे ही सबूत मांग रहा है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “हम कहते हैं कि सूरज पूर्व से उगता है, पर चुनाव आयोग पूछता है कि वह पश्चिम से क्यों नहीं उगता?” सपकाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग “दस नंबर का काम दो नंबर की तरह” कर रहा है। जब आयोग के पास सभी दस्तावेज मौजूद हैं, तब भी वह अनदेखी कर रहा है और दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता सूची में एक बड़ा तकनीकी घोटाला हुआ है, जिसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
सपकाल ने यह भी स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने कांग्रेस को किसी भी प्रकार का गठबंधन प्रस्ताव नहीं दिया है। इसलिए गठबंधन का प्रश्न ही नहीं उठता।
उन्होंने बताया कि टिलक भवन में हुई बैठक केवल संगठनात्मक चर्चा के लिए थी, जिसमें किसी युति या आघाड़ी को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई।
स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की छूट दी गई है।
राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि फडणवीस-पवार-शिंदे सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा तो की, लेकिन उसमें कितना “लीकेज” है, यह जांचना जरूरी है।
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उन्होंने पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू के हवाले से कहा कि किसानों की कर्जमाफी को लेकर सरकार ने जो आश्वासन दिया था, वह झूठा साबित नहीं होना चाहिए। किसानों को वास्तविक कर्जमाफी मिलनी चाहिए, न कि केवल वादे।






