
सौ. (डिजाइल फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: जेफ्री एपस्टीन अमेरिका का एक यौन अपराधी था। 70 के दशक में वह एक सेकेंडरी स्कूल का सामान्य टीचर था, बाद में अरबपतियों के पैसों को मैनेज करने लगा। इसके बाद 90 के दशक में उसकी गिनती न सिर्फ अमेरिका के रईस लोगों में होने लगी बल्कि वह लोगों के बीच दबी जुबान में ‘सेक्स माफिया’ के रूप में भी जाना जाने लगा। क्योंकि 90 के दशक में अमेरिका और दुनिया कई हिस्सों में फैले उसके भव्य महल जैसे घरों में होने वाली पार्टियों में बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ जैसे बिल क्लिंटन, अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, माइकल जैक्सन, भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग उसकी पार्टियों में शोभा बढ़ाते थे।
अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई भी उस पर हाथ डालने के पहले हजार बार सोचती थी। 2005 में पहली बार जेफ्री एपस्टीन नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोप में मीडिया की सुर्खियों में आया और 2006 में जांच शुरू हुई, तो जो बात सबको पता थी, वह मीडिया के जरिए हकीकत के रूप में सामने आ गई। इस औपचारिक खुलासे के बाद कि एपस्टीन की आयोजित रंगरलियों में अमेरिका और दुनियाभर के शक्तिशाली लोग शामिल रहते थे।
यह स्कैंडल पूरी दुनिया में लोगों की दिलचस्पी का कारण बन गया। अपराध पत्रिकाएं, टेब्लायड अखबार और तब के टीवी मीडिया में जेफ्री एपस्टीन के रंगमहलों के किस्से छन-छनकर पूरी दुनिया में पढ़े जाने लगे। 2008 में उसे 18 महीने की सजा हुई, लेकिन 2009 में जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से अपनी पुरानी जिंदगी के रंगीन सफर में लौट आया। 2017 में जब हॉलीवुड से शुरू हुए ‘मी टू मूवमेंट’ ने दुनियाभर के सेक्स अपराधों का खुलासा किया, तब फिर से एपस्टीन के खिलाफ आरोपों की आंधी आ गई।
कई दर्जन सेलिब्रिटीज महिलाओं ने आरोप लगाया कि उसने उनका किशोरावस्था से लेकर लंबे समय तक यौन शोषण किया है। 6 जुलाई 2019 को उसे एक बार फिर से गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन 10 अगस्त को वह न्यूयॉर्क की एक जेल में रहस्यमय ढंग से मरा पाया गया। जेफ्री एपस्टीन की मौत हमेशा विवाद के घेरे में रही। माना गया कि चूंकि वह सैकड़ों ताकतवर लोगों का कालाचिट्ठा खोल सकता था, इसलिए उसे जेल में इन्हीं लोगों द्वारा निपटवा दिया गया।
यह मौत इसलिए रहस्यमय थी, क्योंकि जहां वह मरा पाया गया, वहां के सारे सीसीटीवी कैमरे बंद थे। एपस्टीन की मौत के बाद उसके अनेक ठिकानों पर छापे मारे गए और एक-दो नहीं बल्कि लाखों दस्तावेज बरामद किए गए, जो सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि समूची दुनिया के ताकतवर लोगों की कलई खोलते हैं।
उसके ठिकानों के हजारों पेज के डॉक्यूमेंट, 95 हजार से ज्यादा फोटो, कई हजार वीडियो, सैकड़ों फ्लाइट रिकों यानी आसमान में उड़ते हुए निजी विमानों के अंदर रंगरलियों का जीवंत ब्योरा, यह सब कुछ उसके अमेरिका के कई शहरों में फैले घरों से इकट्ठा किए गए। 2024 में अमेरिका की संसद में इस सेक्स स्कैंडल पर कई दिनों तक बहस हुई जो इस नतीजे के साथ खत्म हुई कि एपस्टीन के सेक्स स्कैंडल की फाइल को सार्वजनिक किया जाएगा।
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उसी निर्णय के तहत 19 दिसंबर 2025 की रात 2.30 बजे जेफ्री एपस्टीन से जुड़े भारी तादाद में दस्तावेजों को रिलीज किया गया और कुछ ही मिनट के बाद इसकी सनसनी पूरी दुनिया में महसूस की गई। अभी सिर्फ 13 हजार फाइलें ही रिलीज की गई हैं। दर्जनों पीड़िताओं का मानना है कि इतनी चालाकी से इन्हें हैवी फाइलों के रूप में रिलीज किया गया है कि कोई चाहकर भी इन्हें आसानी से सर्च नहीं कर सकता।
इस सेक्स स्कैंडल के खुलासे से अमेरिका के बिल क्लिंटन से लेकर दर्जनों दूसरे राजनेता और बिल गेट्स जैसे बड़े कॉर्पोरेट तथा ब्रिटिश राजकुमार व अनेक दूसरे सेलिब्रिटीज बेनकाब हो गए हैं।
अभी तक इन खुलासों में ठोस रूप से भारत के किसी बड़े राजनेता और कॉर्पोरेट शख्सियत का काला चिट्ठा सामने नहीं आया, लेकिन कहा जा रहा है कि सुब्रमणियम स्वामी ने कुछ नामों का खुलासा किया था और फिर बाद में सोशल मीडिया से उन्हें डिलीट कर दिया। इससे मानवीय गरिमा, नैतिक मूल्य और इनका दावा भरने वाली तमाम संस्थाएं एक बार फिर से बेनकाब हो गई हैं।
लेख-लोकमित्र गौतम के द्वारा






