(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Wardha News In Hindi: अन्नदाता किसान, जिसे जग का पालक कहा जाता है, आज कर्ज में डूबा हुआ है और आत्महत्या करने को मजबूर है। चुनाव के दौरान सत्ता में बैठी सरकार ने किसानों का सातबारा कोरा करने का वादा किया था, लेकिन आज तक वह वादा पूरा नहीं हुआ।
इसी को लेकर किसानों को अब सड़कों पर उतरना पड़ा है। पूर्व राज्य मंत्री और किसान नेता बच्चू कडू ने किसानों को न्याय दिलाने के लिए सरकार के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया है। 23 सितंबर को वर्धा-चंद्रपुर जिले की सीमा पर खांबाड़ा में नागपुर-चंद्रपुर राष्ट्रीय महामार्ग पर सुबह 11।30 बजे चक्का जाम आंदोलन की शुरुआत हुई, जो दोपहर 2:30 बजे तक चला।
इस आंदोलन में वरोरा के साथ-साथ हिंगनघाट और समुद्रपुर तहसील के किसान भी शामिल हुए। आंदोलन में विदर्भ किसान संगठन के अध्यक्ष हेमंत इसनकर, शिवसेना (शिंदे गुट) के जिलाध्यक्ष नितिन मत्ते और किसान नेता किशोर डुकरे समेत कई प्रमुख नेता मौजूद थे।
आंदोलन स्थल पर सातबारा कोरा होना ही चाहिए, बच्चू कडू आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं जैसी गगनभेदी नारों से माहौल गूंज उठा था। किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। आंदोलन की प्रमुख मांगों में सभी किसानों के लिए संपूर्ण कर्जमाफी, जिन किसानों ने बीमा कराया है, उन्हें संपूर्ण फसल बीमा का लाभ दिया जाए, मजदूरों की समस्याओं का समाधान, दिव्यांगों को ₹6000 मासिक मानधन, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा आदि पर ध्यान खींचा गया, किसानों ने आंदोलन के दौरान खराब सोयाबीन की फसल हाथों में लेकर विरोध जताया। आंदोलन के अंत में किसानों का ज्ञापन नायब तहसीलदार लोखंडे ने स्वीकार किया।
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