फिर साहूकारों के दरवाजे पर किसान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
वर्धा: बैंक में आसानी से कर्ज उपलब्ध न होने के कारण अनेक किसान साहूकारों से आर्थिक मदद लेते हैं। ऐसे में किसानों की मजबूरी का लाभ उठाकर कुछ साहूकार किसानों की जमीन अथवा आभूषण पर कब्जा कर लेते हैं। अभी खरीफ मौसम की तैयारी में किसान जुट गए हैं। किसानों की रुपयों की आवश्यकता है। किसानों की इसी मजबूरी का फायदा कुछ साहूकार उठाते हैं। जिले में 141 परमीटधारक साहूकार हैं। वहीं अवैध साहूकारों का आंकड़ा भी अधिक होने की जानकारी है।
महाराष्ट्र साहूकारी अधिनियम 2014 इस सुधारित कानून के अमल में आने से लेकर अब तक जिले में साहूकारों के विरुद्ध 152 किसानों ने शिकायतें दर्ज की हैं। पड़ताल के बाद इनमें से 148 प्रकरणों का निपटारा होने की जानकारी है। दो प्रकरण प्रलंबित तो दो प्रकरण विचाराधीन बताए गए हैं। अब तक जिले में किसी भी साहूकार पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। अवैध साहूकारी पर कानून सख्त न होने के कारण कार्रवाई नाममात्र बताई जा रही है। इस संदर्भ में कुछ ठोस कदम उठाने पर ही किसानों को न्याय मिलने की उम्मीद है।
जिले का किसान सुलतानी व असमानी संकटों का सामना कर रहा है। किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर है। इस बार खरीफ मौसम के लिए किसान पैसों का जुगाड़ कर रहा है। बैंकों से कर्ज उपलब्ध होता है, किन्तु इसे पाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ती है। जबकि साहूकारों से आसानी से कर्ज उपलब्ध हो जाता है। खरीफ की तैयारी के लिए रुपयों का जुगाड़ करने फिर एक बार किसान साहूकारों का दरवाजा खटखटाता नजर आ रहा है।
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उल्लेखनीय है कि साहूकारों द्वारा अन्याय होने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई को लेकर सरकार ने 2014 में कानून बनाया। पीड़ित किसानों को लिखित शिकायत करने का आह्वान किया गया। पिछले 11 वर्षों में 152 शिकायतें संबंधित विभाग को प्राप्त हुई हैं। इनमें 148 शिकायतों का निपटारा हो चुका है। उल्लेखनीय है कि 126 ऐसे प्रकरण हैं जिसमें किसी भी प्रकार के सबूत न मिलने की जानकारी है। कुछ प्रकरणों में धारा 18 (2) के तहत आदेश किए गए हैं। अवैध साहूकारी के कुछ मामलों में पीड़ित किसान द्वारा डर के मारे शिकायत भी न होने की जानकारी है।
वर्धा: 51
सेलू : 11
देवली: 27
हिंगनघाट: 17
समुद्रपुर: 04
आर्वी: 13
कारंजा : 10
आष्टी: 07
कुल : 141