
वर्धा न्यूज
Domestic Violence Cases Data: पति-पत्नी में विवाद, घरेलु हिंसा से कई परिवार बिखर जाते हैं। नवविवाहित दम्पति मामूली विवाद पर एक-दूसरे को छोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसे दम्पतियों का समुपदेशन कर उन्हें पुन: एकत्रित लाने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ‘भरोसा सेल’ कार्यरत है। गत 23 महीनों में यहां 4,314 प्रकरण दर्ज हुए। इनमें से भरोसा सेल ने 1,277 प्रकरणों का निपटारा कर लिया है।
वहीं 731 प्रकरण समझौते से सुलझाए गए हैं। वहीं 165 मामले थाना स्तर पर जांच में बताये गए। इनमें कई प्रकरणों में पुलिस ने दम्पतियों का भरोसा जितते हुए उन्हें पुन: एकत्रित लाने का काम किया है। घरेलु हिंसा के चलते बिखरने वाले परिवारों को एकत्रित लाने में भरोसा सेल कारगर साबित होता दिखाई दे रहा है।
बता दें कि, भरोसा सेल की स्थापना से लेकर अब तक अनेक परिवारों को राहत मिली है। इस सेल के माध्यम से पति-पत्नी के बीच होने वाले विवादों के मामलों को सुना जाता है। मामूली बातों पर घरेलू हिंसा की घटनाए सामने आती हैं। इसमें कई परिवार बिखर जाते हैं। नवविवाहित दम्पति में अक्सर यह विवाद देखने मिलते हैं।
कई परिवारों में सांस-बहू के विवाद, पत्नी के चरित्र पर संदेह, दहेज के लिए विवाहिता की प्रताड़ना, पति-पत्नी के अनैतिक संबंध जैसे मामले प्रकाश में आते है। कई बार मोबाइल भी विवाद का कारण बन जाता है। इन बातों से तंग आकर नवविवाहित दम्पति गलत कदम उठाते हैं। ऐसे दम्पतियों का समुपदेशन करने के लिए 1 नवंबर 2019 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भरोसा सेल की स्थापना की गई थी। तब से यह सेल कार्यरत है।
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जानकारी के अनुसार 2024 इस वर्ष में भरोसा सेल की ओर 1,311 शिकायते प्राप्त हुई है। सभी प्रकरणों का निपटारा भरोसा सेल द्वारा किया गया। 504 दम्पतियों का उचित समुपदेशन कर उन्हें पुन: एकत्रित लाने का काम हुआ है। वहीं 2025 इस वर्ष में नवंबर अंत तक 1,003 मामले दर्ज हुए़ इनमें से 966 का निपटारा किया गया। 227 प्रकरण समझौते से सुलझाए गये हैं। वरिष्ठों के मार्गदर्शन में भरोसा सेल के अधिकारी व महिला कर्मी दम्पतियों का समुपदेशन करते नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय हैं कि, विवाहिता के साथ साथ पत्नी पीड़ित पुरुषों की भी हर महीने में एक-दो शिकायतें भरोसा सेल को प्राप्त हो रही है। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक कक्ष में प्राप्त शिकायतों को भी निपटाने का काम यहां होता है। परिवार के सदस्यों को समझाई दी जा रही है।
प्राप्त कुल शिकायतों में से कुछ संरक्षण अधिकारी की ओर रखे गए है़ 165 मामले थाना स्तर पर जांच में बताये गए। वहीं 2024 में 22 तथा 2025 में 18 कुल 40 प्रकरणों में संबंधित थानो में मामला दर्ज किया गया है़ एक भी प्रकरण प्रलंबित न होने की जानकारी है।
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