
कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर चीनी रॉकेट लांचर टाइप 90B के फटने से 8 कंबोडियाई सैनिकों की मौत (सोर्स-सोशल मीडिया)
Chinese Rocket Launcher Explosion: कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा पर चल रहा संघर्ष अब बेहद हिंसक और जानलेवा होता जा रहा है। हाल ही में एक दर्दनाक हादसे में चीन निर्मित रॉकेट लांचर के फटने से कंबोडिया के 8 सैनिकों की मौत हो गई।
यह घटना उस समय हुई जब कंबोडियाई सेना थाईलैंड पर हमले की तैयारी कर रही थी, लेकिन चीनी हथियार ने खुद ही धोखा दे दिया। इस धमाके ने एक बार फिर चीनी सैन्य उपकरणों की गुणवत्ता और उनकी विश्वसनीयता पर गंभीर अंतरराष्ट्रीय सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिसंबर 2025 में कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर जारी तनाव के बीच एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडियाई सैनिक चीन निर्मित MLRS टाइप 90B रॉकेट सिस्टम से थाईलैंड की ओर रॉकेट दागने की कोशिश कर रहे थे।
अचानक, लांचर में तकनीकी खराबी के कारण रॉकेट पाइप के भीतर ही फट गया और देखते ही देखते पूरा ट्रक आग के गोले में तब्दील हो गया। इस भीषण विस्फोट की चपेट में आने से पास खड़े 8 सैनिकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। यह हादसा लाइव रिकॉर्ड हुआ है, जिससे चीनी हथियारों के ‘फुस्स’ होने की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।
थाइलैंड के साथ युद्ध में कंबोडिया द्वारा प्रयोग किया जा रहा चीनी MLRS (मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम) लाँच साइट पर ही फट गया और आठ कंबोडियाई सैनिक मारे गये ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीनी हथियारों के भरोसे बैठे पाकिस्तान को भी ऐसा ही झटका लगा था 😎
pic.twitter.com/VQSyoQztT3 — ANUPAM MISHRA (@scribe9104) December 25, 2025
यह पहली बार नहीं है जब चीनी हथियारों ने युद्ध के मैदान में धोखा दिया हो। इससे पहले मई 2025 में भारत-चीन संघर्ष और पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी ड्रोन्स के विफल होने पर भी चीन की काफी किरकिरी हुई थी।
कंबोडियाई सेना के इस हादसे ने रक्षा विशेषज्ञों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या चीनी तकनीक वास्तविक युद्ध स्थितियों के लिए तैयार है। टाइप 90B रॉकेट सिस्टम के बार-बार फेल होने की खबरों ने कंबोडियाई सेना के भीतर भी चीन के प्रति अविश्वास पैदा कर दिया है।
यह भी पढ़ें: यूथ पॉलिटिक्स की कब्र खोद दी… बांग्लादेश में कट्टरपंथी जमात से गठबंधन पर NCP में फूट
दोनों देशों के बीच विवाद की मुख्य वजह सीमावर्ती भूमि और प्राचीन मंदिरों पर मालिकाना हक को लेकर है। 2025 में यह संघर्ष तब और तेज हो गया जब दोनों सेनाओं ने एक-दूसरे पर भारी गोलाबारी शुरू कर दी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो बार मध्यस्थता कर युद्धविराम (Ceasefire) कराने की कोशिश की, लेकिन नवीनतम समझौता भी कुछ ही दिनों में टूट गया। अब तक इस जंग के कारण 5 लाख से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं और दर्जनों सैनिकों के साथ-साथ नागरिक भी अपनी जान गंवा चुके हैं।






