
जितेंद्र आव्हाड (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Vote Chori In Thane: ठाणे में वोट चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चुनाव की तैयारी कर रहे पूर्व नगरसेवक सुधीर भगत का नाम वोटर लिस्ट से गायब है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के राष्ट्रीय महासचिव एवं कलवा-मुंब्रा के विधायक डॉ जितेंद्र आव्हाड ने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से वोट चोरी को लेकर एफिडेविट देने के लिए कहा जा रहा है। वोट चोरी बावत मैं एफिडेविट देने के लिए तैयार हूं।
अब अब इलेक्शन कमीशन हमें बताएं कि एफिडेविट कहां दें? राकांपा (एसपी) नेता आव्हाड ने सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में लिखा है कि सुधीर भगत मुंब्रा में तीन बार नगरसेवक रहे हैं। मुंब्रा में एक भी घर ऐसा नहीं है जो उनके पिता को न जानता हो। उनके पिता के नाम पर बस्ती बसी है।
जिसका नाम रामचंद्र नगर है। वहां सौ साल से भी ज्यादा पुराना उनका घर है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट देने के बाद अब पता चला है कि उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब है। आवाड ने कहा है कि यह लगभग तय था कि सुधीर रामचंद्र भगत चुनाव लड़ेंगे। इसीलिए, इस मजबूत उम्मीदवार को चुनाव से दूर रखने के लिए चुनाव अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ किया गया और सुधीर भगत का नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कार्रवाई की गई। इस मामले में वह पकड़े गए हैं।
पोस्ट में उन्होंने कहा है कि मजेदार बात यह है कि जिला चुनाव अधिकारी के पास शिकायत करने के बाद वह अपने फैसले में कहते हैं कि हमारे अधिकारियों और कर्मचारियों से गलती हो गई और आपका नाम छूट गया।
इसलिए, हम आपका नाम लिस्ट में शामिल करेंगे। लेकिन, आप वोट नहीं दे पाएंगे और न ही चुनाव लड़ पाएंगे। क्योंकि में 1 जुलाई से पहले आपका नाम दर्ज नहीं कर सकता, निर्वाचन अधिकारी अपने फैसले में यह भी कहते हैं, ‘मैं मानता हूं कि किसी भी कानूनी नियम का पालन नहीं किया गया है। जिलाधिकारी यह भी मानते हैं कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1950 के सेक्शन 22 के तहत वोटर को दिए गए अधिकारों को वोटर रजिस्टर करते समय पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।
डॉ आव्हाड के पोस्ट के मुताबिक जिलाधिकारी ने कहा है कि आपको सही अथॉरिटी से मदद लेनी चाहिए, आव्हाड ने सोशल मीडिया में सवाल उठाते हुए कहा है कि अब हम सही अथॉरिटी कहां से ढूंढ़ें? यह तलाश कौन करे और क्यों?
इलेक्शन कमीशन सिस्टम द्वारा की गई गड़बड़ी और घोटाले का खामियाजा नागरिकों को क्यों भुगतना पड़े? उन्होने सवाल किया है कि क्या जिलाधिकारी और मुख्य चुनाव अधिकारी के दिए गए इस फैसले का सच में कोई मतलब है?
आप, प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग, पैसे लेकर नाम काटते थे, आपको अपने फैसले में जाली साइन का सबूत भी देना चाहिए, अपनी गलती भी मान रहे हैं ऊपर से कह रहे हैं कि आप चुनाव नहीं लड़ सकते और वोट नहीं दे सकते। तो फिर लिस्ट में नाम क्यों डाला?
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आव्हाड ने कहा है कि यह वोट चोरी है और यह वोट चोरी हर जगह हो रही है। हम सबूत के साथ कह रहे थे कि झूठे नाम लाए जाते हैं, असली नाम हटा दिए जाते हैं। अब इलेक्शन कमीशन हमें बताएं कि एफिडेविट कहां दे? मैं इसके लिए एफिडेविट देने को तैयार हूं। आप राहुल गांधी से एफिडेविट चाहते थे, मैं खुद इस मामले पर एफिडेविट देने को तैयार हूं: वह भी सबूत के साथ।






