तालिबान में महिला पत्रकारों पर प्रतिबंध (pic credit; social media)
Protest Against Taliban Minister in Thane: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री द्वारा नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश नहीं दिए जाने के बाद ठाणे शहर में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों पर प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है और भारत में भी इसी घटना ने लोगों में गुस्सा भड़काया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए भाजपा सरकार पर चुप्प रहने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि ऐसा करने से भारत में भी तालिबानी प्रवृत्ति को बढ़ावा मिल रहा है।
प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. जितेंद्र आव्हाड और जिला अध्यक्ष मनोज प्रधान ने किया। ठाणे शहर की महिला अध्यक्ष सुजाताताई घाग ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है।
इस अवसर पर पार्टी की वरिष्ठ कार्यकर्ता कल्पना नार्वेकर और मनीषा करलाद भी मौजूद रहीं। कार्यकर्ताओं ने हाथों में प्लैकार्ड और बैनर लेकर नारेबाजी की और तालिबान की इस हरकत की कड़े शब्दों में निंदा की। उनका कहना था कि महिलाओं को इस तरह से पीछे रखने की कोशिश भारतीय समाज और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार से अपील की कि वह इस घटना पर स्पष्ट बयान दे और भारत में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने चेताया कि अगर सरकार चुप रही तो देश में भी तालिबानी प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलेगा।
इस विरोध प्रदर्शन ने दिखा दिया कि भारतीय समाज में महिलाओं के अधिकारों को लेकर कितनी संवेदनशीलता है और लोग हर स्थिति में समानता और न्याय की आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। ठाणे शहर में यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से हुआ, लेकिन इसके प्रभाव ने राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी।