मीरा-भायंदर पंजीकरण कार्यालय (pic credit; social media)
Mira-Bhayandar Registration Office: भाईंदर पश्चिम के 60 फुट रोड पर स्थित संपत्ति पंजीयन कार्यालय करोड़ों रुपए का राजस्व जमा करता है, लेकिन यहां की व्यवस्था नागरिकों के लिए मुसीबत बन गई है। तीसरी मंजिल पर कार्यालय होने के बावजूद पंखे और वेंटिलेशन की कमी, लिफ्ट का अक्सर बंद रहना और बैठने की अपर्याप्त व्यवस्था लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। सीनियर सिटीजन, महिलाएं और दिव्यांग लोग लंबी सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद भी घंटों खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि यहां रोजाना भारी भीड़ उमड़ती है। गगनचुंबी इमारतों के रजिस्ट्रेशन के लिए शहर के दूर-दूर इलाकों से लोग यहां आते हैं। लेकिन भीड़ और खराब वेंटिलेशन के कारण हालात दमघोंटू हो जाते हैं। नागरिकों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
तकनीकी समस्याएं भी परेशानी बढ़ाती हैं। जब सर्वर डाउन हो जाता है, तो कामकाज ठप हो जाता है और लोग घंटों फंसे रहते हैं। अधिकारियों के एसी वाले केबिन में आराम होता है, लेकिन जनता और वकीलों को बंद पंखे और खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है।
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नागरिक मांग कर रहे हैं कि पंजीयन कार्यालय में पर्याप्त बैठने की व्यवस्था की जाए। सभी मंजिलों तक सुचारू लिफ्ट सेवा हो, एसी या कम से कम पंखे और वेंटिलेशन उपलब्ध हों। सर्वर को मजबूत कर तकनीकी खामियां दूर की जाएं। वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए विशेष सुविधा काउंटर बनाए जाएं और दिव्यांगों के लिए उचित व्यवस्था की जाए।
पूर्व नगरसेवक ओमप्रकाश गाड़ोदिया ने कहा कि सरकार को यहां से करोड़ों रुपए मुद्रांक शुल्क के रूप में राजस्व मिलता है। ऐसे में नागरिकों के लिए बेहतर व्यवस्था जरूरी है। लोग शहर के दूर-दूर के कोनों से रजिस्ट्रेशन कराने आते हैं और उन्हें घंटों खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तुरंत कदम उठाने और कार्यालय में सुधार करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर यह स्थिति सुधारी नहीं गई तो नागरिकों का गुस्सा बढ़ सकता है। कार्यालय की यह अव्यवस्था न केवल जनता के समय की बर्बादी कर रही है, बल्कि शहर की छवि पर भी असर डाल रही है।