
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Thane News In Hindi: हाजी मलंग पहाड़ी से समतल के बीच फ्यूनिकुलर बनाए जाने का कार्य अंतिम चरण में है। यह कार्य पिछले बारह साल से धीमी गति से शुरू है। लेकिन इस बीच गुरुवार तथा शुक्रवार को फ्यूनिकुलर को विधिवत मान्यता लिए बिना फ्यूनिकुलर ट्रॉली को चलाए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
बताया जा रहा है कि हाजी मलंग पहाड़ में एक शादी के कार्यक्रम में शामिल होने वाले बारातियों की सुविधा के लिए यह सेवा शुरू की गई थी, शनिवार को फिर ट्रॉली बंद कर दी गई है।
अंबरनाथ पंचायत समिति के अंतर्गत आने वाले हाजी मलंग पहाड़ पर पथरीली सीढ़ियों के बजाए श्रद्धालु समतल से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित धार्मिक स्थल पर आसानी से आ जा सके इसलिए जर्मनी टेक्नोलॉजी की फ्यूनिकुलर ट्रॉली का कार्य शुरू किया था। जो अब भी शुरू है।
तत्कालीन विधायक किसन कथोरे के प्रयासों से शुरू हुए इस प्रकल्प को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय सांसद डॉ। श्रीकांत शिंदे दी वर्षों से मंत्रालय स्तर पर कोशिश कर रहे है। सांसद डॉ। शिंदे के प्रयासों का यह नतीजा दिखाई दे रहा है कि ट्रॉली का उदघाटन कभी भी हो सकता है। श्री मलंगगड में एशिया की सबसे लंबी दूरी की फ्यूनिकुलर शुरू करने का काम जहां आखिरी स्टेज में है।
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फ्यूनिकुलर सर्विस को अभी तक सरकारी अनुमति, टेक्निकल जांच और ऑपरेशनल अप्रूवल नहीं मिला है। फिर भी असल में इस सुविधा का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक चौकाने वाली बात यह सामने आई है कि मलंगगढ़ में एक शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन को लाने-ले जाने के लिए फ्यूनिकुलर सर्विस शुरू की गई थी, लोगों ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सरकारी नियमों को दरकिनार कर के यह काम किया।






