
गुरमत समागम कार्यक्रम में CM फडणवीस ने दिया संदेश। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
ठाणे: “सच्चे गुरु कभी भी अपने स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि समाज के कल्याण के लिए लड़ते हैं। हमारे गुरुओं ने जो आदर्श हमारे सामने रखे हैं, वे पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत हैं, और इन्हें अगली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है,” ऐसा वक्तव्य मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरमत समागम कार्यक्रम के दौरान दिया। यह कार्यक्रम नवी मुंबई के गुरुद्वारे के समीप स्थित एनएमएमसी मैदान में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के वन मंत्री गणेश नाईक, विधायक मंदाताई म्हात्रे, प्रशांत ठाकुर, संजीव नाईक, नवी मुंबई महापालिका आयुक्त कैलास शिंदे, मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता प्रकोष्ठ के प्रमुख रामेश्वर नाईक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेकर गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। “गुरु ग्रंथ साहिब के माध्यम से हमें जो विचार प्राप्त होते हैं, वे केवल सिख समुदाय तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे संपूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए हैं,” उन्होंने कहा।
फाळणीमुळे विस्थापित झालेल्या शीख समुदायाची निवासस्थाने आणि प्रार्थनास्थळे नियमित करणार…
बँटवारे से प्रभावित सिख समाज के निवास एवं प्रार्थना स्थलों को नियमित करेंगे… (गुरमत समागम कार्यक्रम | नवी मुंबई | 13-4-2025)#Maharashtra #NaviMumbai #GurmatSamagam pic.twitter.com/JlvbdHtpNk — Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 13, 2025
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने पूरे देश में अपने विचारों का प्रचार किया, जिससे एक विशाल नानकपंथी समाज खड़ा हुआ। “हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। हमारे गुरुओं ने हमें केवल ज्ञान ही नहीं दिया, बल्कि अन्याय के खिलाफ लड़ने की हिम्मत और शक्ति भी दी,” उन्होंने जोर देते हुए कहा।
फडणवीस ने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष गुरु तेग बहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ मनाई जा रही है। “उन्हें आज भी ‘हिंद की चादर’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कश्मीरी पंडितों को मुगलों के अत्याचार से बचाने के लिए अपना बलिदान दिया। गुरु गोविंद सिंह जी ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया,” मुख्यमंत्री ने बताया।
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मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि महाराष्ट्र सरकार गुरु पर्व के आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेगी और जनता तक गुरुओं की शिक्षाओं और गाथाओं को पहुँचाने के लिए विविध सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पंजाब साहित्य अकादमी का पुनर्गठन किया गया है, जो गुरुओं के विचारों को जनसामान्य तक पहुँचाने में सहायक बनेगी। उन्होंने बताया कि एक 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो समाज की आवश्यकताओं को सरकार तक पहुँचाने और निरंतर संवाद बनाए रखने का कार्य करेगी।
“विस्थापित लोगों और पूजा स्थलों के लिए जमीन दी जाएगी, और शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं को सरकार की ओर से सहायता प्रदान की जाएगी,” मुख्यमंत्री ने कहा। इस अवसर पर आयोजकों एवं उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विशेष सत्कार भी किया गया।






