नवी मुंबई महानगरपालिका (pic credit; social media)
Navi Mumbai Municipal Elections: नवी मुंबई महानगरपालिका चुनाव की वार्ड संरचना को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मनपा द्वारा घोषित मसौदे पर नागरिकों और राजनीतिक दलों ने आपत्तियों की झड़ी लगा दी है। अंतिम दिन तक कुल 2500 आपत्तियां दायर हुईं, जो पिछले चुनाव की तुलना में रिकॉर्ड है।
गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान जारी हुए इस मसौदे पर शुरू से ही राजनीति गरमा गई थी। भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि वार्ड संरचना को एकनाथ शिंदे की शिवसेना के दबाव में बदला गया है। वहीं, वन मंत्री गणेश नाईक के समर्थकों का दावा है कि उनके गढ़ों का गलत तरीके से बंटवारा कर उन्हें कमजोर करने की कोशिश की गई। नाईक समर्थकों ने एक ही दिन में हजार से ज्यादा आपत्तियां दाखिल कर दीं।
पूर्व सांसद संजीव नाईक और पूर्व महापौर सागर नाईक भी इस दौरान मौजूद रहे। सागर नाईक ने कहा कि यह वार्ड संरचना किसी समझदार व्यक्ति ने नहीं बल्कि जैसे किसी बच्चे ने बनाई है। इसमें कई गंभीर गलतियां हैं और यदि बदलाव नहीं किए गए तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाने से पीछे नहीं हटेंगे।
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मनपा चुनाव विभाग के उपायुक्त भागवत डोईफोडे ने बताया कि आपत्तियां दर्ज कराने वालों को सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि सभी पक्षों की बात सुनी जाएगी और जहां आवश्यक होगा, सुधार किए जाएंगे।
इस बार घोषित प्रारूप के अनुसार नवी मुंबई मनपा में 28 वार्ड और 111 पार्षद होंगे। साथ ही 14 गांव भी वार्ड संरचना में शामिल किए गए हैं। विपक्ष का आरोप है कि इस संरचना को एक पार्टी विशेष के लिए लाभकारी और दूसरी के लिए नुकसानदेह बनाया गया है।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता समीर बागवान ने भी विरोध जताते हुए कहा कि आपत्तियां दर्ज कराने की समयसीमा गणेशोत्सव के बीच रखी गई, जिससे कार्यकर्ताओं और नागरिकों को पर्याप्त समय नहीं मिला। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उचित बदलाव नहीं किए गए तो न्यायालय में अपील की जाएगी।
2015 में हुए चुनावों के मसौदे पर महज 200 आपत्तियां आई थीं, जबकि इस बार यह आंकड़ा 2500 तक पहुंच गया है। इससे साफ है कि वार्ड संरचना को लेकर असंतोष गहरा है और आने वाले दिनों में यह मामला अदालत तक भी पहुंच सकता है