सांकेतिक तस्वीर (Image- Social Media)
Nashik News: यह घटना नासिक जिले से सामने आई है, जहां एक 19 वर्षीय युवक को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारियों के दौरान अचानक हिलते-डुलते और खांसते देखा गया। यह देख परिजनों में अफरा-तफरी मच गई और वे तुरंत युवक को जिला अस्पताल ले गए, जहां फिलहाल वह वेंटिलेटर पर जीवन रक्षक प्रणाली के सहारे है। इस चौंकाने वाले मामले ने चिकित्सा प्रक्रिया और अस्पताल की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
नासिक में “ब्रेन डेड” घोषित किया गया एक युवक अपने अंतिम संस्कार की तैयारियों के दौरान हिलने-डुलने और खांसने लगा। युवक के रिश्तेदारों ने शुक्रवार को यह दावा किया। रिश्तेदारों कहा कि त्र्यंबकेश्वर तालुका के निवासी भाऊ लचके (19) को कुछ दिन पहले एक दुर्घटना में गंभीर चोटें लगने के बाद अडगांव के एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया था।
लचके के रिश्तेदार गंगाराम शिंदे ने कहा, “जब हम उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, तब वह हिलने-डुलने और खांसने लगा। हम उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। उसकी हालत गंभीर है और उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।” इस बीच, निजी अस्पताल के प्रबंधन ने दावा किया कि लचके को कभी मृत घोषित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि परिजन कुछ चिकित्सा शब्दावली को लेकर भ्रमित हो गए थे।
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नासिक महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के हजारों संविदा कर्मचारी 19 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसके कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि 14 मार्च 2024 का सरकारी निर्णय तुरंत लागू किया जाए, जिसके तहत 10 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया गया था। एआईटीसी के राज्य सचिव राजू देसले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक ज्ञापन भेजकर इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देने की मांग की है।