कम हुई बाढ़, नुकसान को लेकर किसान चिंतित (सौजन्यः सोशल मीडीया)
Pandharpur News: भीमा नदी में आई बाढ़ से गन्ना, केले और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इससे किसान चिंतित हैं। अब जबकि बाढ़ कम हो गई है, नुकसान का तुरंत आकलन करने की मांग ज़ोर पकड़ रही है। पंढरपुर में 1 लाख 90 हज़ार क्यूसेक छोड़े जाने के कारण भीमा नदी के तल से कम से कम दस से पंद्रह फीट पानी बाहर आ गया था। नदी तल से पांच किलोमीटर दूर तक के खेतों में पानी घुस गया था। देगांव और अजनसोंड में नालों के ज़रिए पांच किलोमीटर दूर तक के खेतों में पानी घुस गया है।
इस पानी ने कृषि फसलों को नष्ट कर दिया है। पशुओं का चारा और भूसा बह गया है। नदी किनारे बसे गांवों के कई घर पानी घुसने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। खेतों में बने तटबंध बह गए हैं। नदी किनारे के खेतों की मिट्टी बह गई है। इससे किसानों को अपनी गन्ना और केले की फसलों के साथ-साथ भारी नुकसान हुआ है। पंढरपुर शहर के अंबाबाई पाटणगंण क्षेत्र, व्यास नारायण झोपड़पट्टी और संत पेठ में 134 घरों में पानी घुस गया है। जबकि 543 लोगों को स्थानांतरित करना पड़ा है।
पंढरपुर के तहसीलदार सचिन लांगुटे ने कहा कि इन नागरिकों के घरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के 35 घरों में भी पानी घुस गया है। जबकि 171 लोगों को स्थानांतरित करना पड़ा है। ऐसे कुल 169 घरों का पंचनामा करना होगा। जहां पानी कम हो गया है। वहां फसलों, घरों और अन्य क्षेत्रों में हुए नुकसान का पंचनामा किया जा रहा है। पानी कम होते ही सभी नुकसानों का पंचनामा किया जाएगा। जलस्तर कम होने के कारण नदी पर बने सभी बांध खोल दिए गए हैं, इसलिए यातायात शुरू हो गया है।
बता दें कि पुणे, आसपास के इलाकों और वीर बांध में पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के कारण नीरा और भीमा नदियों में बाढ़ आ गई है। गुरुवार (21 जनवरी) शाम 5 बजे भीमा, नीरा संगम पर भीमा नदी का प्रवाह एक लाख 96 हजार 495 क्यूसेक है। इसलिए, इसका असर पंढरपुर सहित अक्कलकोट, दक्षिण सोलापुर, मंगलवेढ़ा तालुकाओं पर पड़ेगा। इन इलाकों में बाढ़ आ सकती है।
गुरुवार शाम को उजनी और वीर से एक लाख 66 हजार 824 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। भीमा घाटी में भारी बारिश के कारण उजनी बांध में पानी का प्रवाह बढ़ने के कारण, गुरुवार सुबह उजनी बांध से भीमा नदी में एक लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसे फिर से बढ़ाया गया और सुबह 10 बजे एक लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। शाम 5 बजे डिस्चार्ज को और बढ़ाकर एक लाख 51 हजार 600 क्यूसेक कर दिया गया।