शिवसेना सांसद संजय राउत, सीएम फडणवीस
मुंबई: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने हिंदी अनिवार्यता वाला आदेश वापस ले लिया है। विपक्ष का दावा है कि उनके दबाव में आकर सरकार को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने बिना नाम लिए महायुति सरकार पर निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा, हम जब जब साथ आयेगें आपको पीछे हटना पड़ेगा। अब देखिये महाराष्ट्र में आगे-आगे होता क्या है।
संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र में ठाकरे एक ब्रांड है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने जब संयुक्त मार्च निकालने की घोषणा की तो सरकार सकते में आ गई। महाराष्ट्र के कोने-कोने से लाखों लोगों के आने की उम्मीद थी। समिति अब क्यों बनाई गई? दोनों ठाकरे भाइयों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम तीसरी भाषा स्वीकार नहीं करेंगे।
मराठी लोगों की एकता देवेंद्र फडणवीस की इच्छा पर निर्भर नहीं है। अगर देवेंद्र फडणवीस और प्रफुल पटेल, मिंधे, हसन मुश्रीफ एक साथ आ सकते हैं, तो दो भाइयों के एक साथ आने पर आपके पेट में दर्द क्यों होता है? संजय राउत ने कहा, आपने सरकार बनाने के लिए जो भ्रष्ट हथकंडे अपनाए हैं, उन पर अपनी राय जाहिर करें। एक ही विचारधारा के दो नेता एक साथ आते हैं, आपको बेचैनी हो रही है, यह साफ है कि आप विफल हो गए हैं, अब आपका क्या है?
बीजेपी की झूठ बोलने की राष्ट्रीय नीति
एकनाथ शिंदे देवेंद्र फडणवीस को भ्रष्ट नेता कह रहे थे। फडणवीस अजित पवार के लिए जेल जा रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी प्रफुल्ल पटेल को दाऊद इब्राहिम का गुर्गा कह रहे थे। हमें बेवजह अतीत में मत ले जाइए। कौन खत्म हो गया? कौन बचा है? कौन आगे बढ़ रहा है, यह तो समय ही बताएगा। भाजपा की झूठ बोलने की राष्ट्रीय नीति है। महाराष्ट्र की जनता इसी के अनुसार काम कर रही है।
अगर उद्धव ठाकरे ने कोई रिपोर्ट तैयार की है तो उसे सामने लाएं। अगर कोई रिपोर्ट सामने आई है तो क्या उस पर कैबिनेट में चर्चा नहीं हो सकती? राज्य से पहले राष्ट्रीय नीति पर चर्चा जरूरी है। देवेंद्र फडणवीस तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं, क्या उन्हें इतना भी नहीं पता? यह कहकर संजय राउत ने फडणवीस पर सवालिया निशाना साधा।