हर्षल पाटिल की आत्महत्या पर संजय राउत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Sanjay Raut on Harshal Patil Suicide: सांगली में जलजीवन मिशन के लिए काम करने वाले एक सरकारी ठेकेदार हर्षल पाटिल ने सांगली जिले में आत्महत्या कर ली। वहीं सरकारी ठेकेदार संघ ने आरोप लगाया है कि सरकार से बिल पास नहीं होने कारण हर्षल अवसाद में चला गया था और उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। इस आत्महत्या का जिम्मेदार संजय राउत ने सरकार को ठहराया।
संजय राउत ने हर्षल पाटिल की खुदकुशी का जिम्मेदार महाराष्ट्र सरकार को ठहराया। संजय राउत ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “सरकार अमानवीय और क्रूर है। उन्होंने अपनी महानता का ढोल पीटने के लिए भाड़े के सैनिकों को नियुक्त कर रखा है। हर्षल पाटिल की आत्महत्या मराठी युवाओं की कमजोरी का संकेत है।
उन्होंने आगे लिखा, “यह सरकार द्वारा की गई एक गैर इरादतन हत्या है। उच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर निम्नलिखित तीन लोगों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए। जय महाराष्ट्र!”
इस मामले में संजय राउत ने प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधा। संजय राउत ने अपनी दूसरी पोस्ट प्रधानमंत्री के नाम लिखा, ” प्रधानमंत्री जी,
इस मासूम चेहरे को देखिए। इसका नाम हर्षल पाटिल है। इसने कल आत्महत्या कर ली। जल जीवन मिशन के तहत इसने 80 लाख रुपये का कर्ज़ लेकर 1.4 करोड़ रुपये का काम पूरा किया था।”
Mr. Prime Minister,⁰Look at this innocent face. His name is Harshal Patil. He took his life yesterday.⁰Under Jal Jeevan Mission, he completed work worth ₹1.4 crore, taking a loan of ₹80 lakh.⁰But the government hasn’t paid his dues, forcing him to take this extreme step!… pic.twitter.com/2aW0N7ls7H
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 24, 2025
संजय राउत ने आगे लिखा, “लेकिन सरकार ने इसका बकाया नहीं चुकाया, जिससे इसे यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा! महाराष्ट्र में रोजाना कई हर्षल पाटिल आत्महत्या कर रहे हैं! सरकार ये हत्याएं कर रही है। आप फडणवीस सरकार की तारीफ क्यों कर रहे हैं?”
वालवा तहसील के तांदुलवाडी गांव का रहने वाला हर्षल पाटिल ने अपने ही खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सरकार के पास उनके 1.40 करोड़ रुपये के बकाया हैं। उन्होंने साहूकारों और अन्य लोगों से लगभग 65 लाख रुपये का कर्ज लिया था। सरकार भुगतान नहीं कर रही थी और उसे लोग पैसे के लिए दबाव बना रहे थे। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों से हर्षल अपने दोस्तों से कह रहा था कि वह आत्महत्या कर लेगा।
इस बारे में उसने दोस्तों को उसके पिता को कुछ भी न बताने की चेतावनी भी दी थी। अपने परिवार में हर्षल सबसे बड़े थे। परिवार में उनकी पत्नी, पांच साल की बेटी, दो छोटे भाई और माता-पिता हैं। जलजीवन मिशन के तहत, सरकार ने राज्य में हर घर जल योजना शुरू की है। शिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों और छोटे ठेकेदारों ने ये काम अपने हाथ में लिया था। लगभग काम पूरा हो गया था। लेकिन सरकार के पास भुगतान के लिए लगभग एक साल से कोई धनराशि नहीं है।
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साथ ही, केंद्र ने भी राज्य सरकार को पत्र भेजकर कहा है कि वह धनराशि उपलब्ध कराने में असमर्थ है। वहीं राज्य ठेकेदार महासंघ, राज्य अभियंता संघ तथा राज्य ग्रामीण जल आपूर्ति संघ ने मांग की है राज्य सरकार मृतक हर्षल के परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान करे और लंबित बकाया का तुरंत भुगतान करे। संघ ने साथ ही कहा है कि ठेकेदार का सरकारी पंजीकरण प्रमाण पत्र उनकी पत्नी के नाम हस्तांतरित करे।