राेहित पवार व देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता रोहित पवार ने विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीएम ने झूठ बोला कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा लिए गए फैसलों पर रोक नहीं लगाई है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता रोहित पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अधिकारियों ने हाई-सिक्योरिटी पंजीकरण प्लेट (HSRP) से जुड़े शुल्क के बारे में गलत जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि जिस कंपनी को ठेका दिया गया था वह एक घोटाले में संलिप्त थी।
उन्होंने कहा कि फडणवीस और उनके उपमुख्यमंत्री कहते हैं कि राज्य में सब ठीक है, लेकिन इसी के बीच एक केंद्रीय मंत्री की बेटी को परेशान किया जाता है। एक पूर्व राज्य मंत्री के बेटे को बैंकॉक जाने से रोक दिया जाता है और उसकी विशेष उड़ान को वापस बुला लिया जाता है।
राेहित पवार ने सत्तापक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार कह रही है कि सब ठीक है लेकिन मसाजोग के सरपंच संतोष देशमुख और परभणी में मारे गए सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार अब भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं।
शरद पवार गुट के नेता ने दावा किया कि सीएम फडणवीस को उनके अधिकारियों ने एचएसआरपी के शुल्क के बारे में गलत जानकारी दी। पार्टी ने कहा कि गुजरात में दोपहिया वाहनों से प्लेट के लिए 160 रुपये लिए जा रहे थे, लेकिन महाराष्ट्र में कीमत 450 रुपये थी।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि गुजरात की एक कंपनी, जिसे HSRP का ठेका दिया गया था वह 2,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल है।
बता दें कि सरकार ने वाहन चोरी पर अंकुश लगाने और पहचान में एकरूपता लाने के लिए एक अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए एचएसआरपी अनिवार्य कर दिया था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इन नंबर प्लेट के लिए उच्च शुल्क लिया जा रहा था।
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पवार ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि उन्होंने राज्य परिवहन बसों के पट्टे, ठाणे क्रीक सौंदर्यीकरण परियोजना, कृषि उपज खरीद और बीएमसी में 1,400 करोड़ रुपये की निविदा पर रोक क्यों लगाई और इसकी जांच का आदेश क्यों दिया।
उन्होंने दावा किया कि विशेष कार्य अधिकारियों की 16 नियुक्तियां रद्द कर दी गईं क्योंकि फडणवीस को रिपोर्ट मिली थी कि वे बिचौलिये थे। उन्होंने पूछा कि उन्हें कैसे पता चला कि वे ‘बिचौलिये’ थे, वे किन मंत्रियों के लिए काम करते थे और क्या कार्रवाई की गई?
(एजेंसी इनपुट के साथ)