पंढरपुर में VIP दर्शन पर रोक (डिजाइन फोटो)
पंढरपुर: पंढरपुर में विट्ठल-रुक्मिणी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ जुटने लगी है। इस बढ़ती भीड़ को देखते हुए वीआईपी दर्शन को बंद करने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, मंदिर समिति पर वीआईपी दर्शन की अनुमति देने के लिए राजनीतिक दबाव डाला जा रहा था, जिसकी शिकायतें मिल रही थीं।
इस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी कुमार आशीर्वाद ने विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति को वीआईपी दर्शन बंद करने का आदेश जारी किया है।आषाढ़ी यात्रा को अब सिर्फ सात दिन बचे हैं, ऐसे में पंढरपुर में दूर-दराज से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचने लगे हैं। भक्तों को सुचारु रूप से दर्शन का लाभ मिल सके, इसलिए वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई है।
हालांकि, कुछ लोग वीआईपी दर्शन की अनुमति के लिए दबाव बना रहे हैं और मंदिर समिति पर राजनीतिक दबाव की भी शिकायत की गई है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि 2010 के शासन निर्णय के अनुसार सभी भक्तों को समान रूप से दर्शन का अवसर मिलना चाहिए।
उन्होंने मंदिर समिति को इस नियम का पालन करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि शासन निर्णय का उल्लंघन किया गया, तो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले हिंगोली से शिंदे के एक विधायक ने भी वीआईपी दर्शन कराने की मांग की थी। विधायक ने 21 कार्यकर्ताओं के लिए वीआईपी दर्शन के लिए पंढरपुर देवस्थान समिति को पत्र भेजा था। आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पंढरपुर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। ऐसे में विधायकों द्वारा वीआईपी दर्शन की मांग करने का विरोध किया गया।
शिंदे के विधायक संतोष बांगर ने पंढरपुर देवस्थान समिति को पत्र में लिखा था कि मेरे बड़े भाई श्रीराम लक्ष्मणराव बांगर और कुछ नगरसेवक और शिवसेना कार्यकर्ता श्री के दर्शन के लिए आएंगे। इसमें 21 नाम शामिल थे। इस पत्र के माध्यम से अनुरोध है कि इन सभी के दर्शन की व्यवस्था की जाए।
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आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर लाखों की संख्या में भक्त पालकी लेकर पंढरपुर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं, ऐसे में वीआईपी दर्शन करा पाना मुश्किल होता है। लोगों की नाराजगी को देखते हुए जिलाधिकारी ने ये फैसला लिया है और वीआईपी दर्शन बंद करा दिए।