हडसपार कचरा डिपो (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: हडपसर क्षेत्र में कचरे के अंधार और दूषित वातावरण से स्थानीय नागरिकों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। पुणे मनपा और पुणे कैंटोनमेंट बोर्ड के बीच आपसी गतिरोध और उदासीनता के चलते, हडपसर इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थित कचरा डिपो स्थानीय निवासियों के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है।
नागरिक अब इस समस्या के लिए तत्काल और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। स्थानीय निवासी पूनम पंजाबी ने कहा, ‘हमने बार-बार शिकायत की, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। जब एक अधिकारी हालात का जायजा लेने आए, तो वह खुद गंदगी देखकर हैरान रह गए।
नागरिकों का आरोप है कि पीएमसी और कैंटोनमेंट बोर्ड दोनों ही एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अपने पल्ले झाड़ रहे हैं। हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीएमसी और कैटोनमेंट बोर्ड को आदेश दिया था कि हडपसर कचरा डिपो में वैज्ञानिक तरीके से ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की जाए।
साथ ही, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) को निर्देश दिए गए थे कि जो भी निकाय या ठेकेदार कचरा प्रबंधन नियमों का उल्लंघन करे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन, नागरिकों का कहना है कि अदालत के आदेशों के बावजूद जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं हुआ है। हडपसर के लोग प्रशासन से कचरा ट्रकों को डिपो में ही व्यवस्थित करने, बाहरी इलाके में उनका ठहराव रोकने, बदबू नियंत्रण के लिए कीटनाशकों और सुगंधित द्रव्यों का नियमित छिड़काव करने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और सड़कों की सफाई व मरम्मत की मांग कर रहे हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में पुणे का ठोस कचरा प्रबंधन सिस्टम शहर की जरूरतों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि सूखे कचरे को स्थानीय स्तर पर प्रसंस्कृत किया जाए और अपशिष्ट व्युत्पन्न ईंधन मॉडल अपनाया जाए, इस मॉडल में कचरे को उद्योगों को भट्टियों में वैज्ञानिक तरीके से जलाकर ऊर्जा उत्पादन किया जाता है। इससे कचरे की मात्रा कम होगी।
महानगर पालिका घनकचरा विभाग उपायुक्त संदीप कदम ने कहा है कि ८८ कचरे के दुर्गंध की रोकने के लिए संबंधित स्थल पर नियमित रूप से केमिकल स्प्रे की जा रही है। नागरिकों की सुविधा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए मनया ने सफाई कर्मियों को निर्देश दिए हैं कि कचरा व्यवस्थित तरीके से संकलित और प्रक्रिया किया जाए, ताकि क्षेत्र में बदबू या अस्वच्छता की समस्या उत्पन्न न हो।
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पीएमसी के उप-अभियंता कमलेश शेवते ने कहा कि प्रशासन नए प्रस्तावों को अपनाने के लिए तैयार है, लेकिन इसे उचित प्रक्रिया के तहत मंजूरी मिलना जरूरी है। संबंधित विभागों और उच्च अधिकारियों की स्वीकृति मिलने के बाद ही ऐसे समाधान लागू किए जा सकते हैं। हडपसर के नागरिक फिलहाल बदबू, गंदगी और प्रशासनिक निर्षक्रियता की दोहरी मार झेल रहे हैं। लोग अब दोनों प्रशासनिक संस्थाओं से मिलकर एक संयुक्त, पारदर्शी और दीर्घकालिक समाधान की मांग कर रहे है, ताकि हडपसर और आसपास के क्षेत्र को स्थायी राहत मिल सके।