सुप्रिया सुले (सोर्स: एएनआई)
पुणे: प्रधानमंत्री मोदी गणेश उत्सव के मौके पर बुधवार को प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के दिल्ली स्थित आवास पर गए और पूजा-अर्चना की। इस मामले में पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी और सीजेआई चंद्रचूड़ पर हमलावर है। महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सीजेआई पर हमला करते हुए कहा कि सीजेआई को शिवसेना और एनसीपी विधायकों के अयोग्यता मामले में सुनवाई से अपने आप को हटा लेना चाहिए। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) की सहयोगी पार्टी एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने सीजेआई का समर्थन किया हैं। उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने गुरुवार को कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के आवास पर पहुंचने की खबर से आश्चर्य हुआ। हालांकि, उन्होंने न्यायपालिका पर पूरा विश्वास जताया।
प्रधानमंत्री मोदी गणेश उत्सव के मौके पर बुधवार को प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के दिल्ली स्थित आवास पर गए और पूजा-अर्चना की। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुले ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामती में संवाददाताओं से कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और प्रधान न्यायाधीश दोनों ही उम्र और अनुभव में मुझसे वरिष्ठ हैं, इसलिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।
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सुप्रिया सुले ने का कि इस प्रकार की घटना (प्रधानमंत्री का प्रधान न्यायाधीश के घर जाना) पहले कभी नहीं देखी गई थी। मैं चकित भी थी, लेकिन मुझे अदालतों पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि सीजेआई ने प्रधानमंत्री को आमंत्रित करने से पहले निश्चित ही इस पर विचार किया होगा।”
सुले ने यह भी कहा कि उन्हें वर्तमान सरकार पर विश्वास नहीं है, लेकिन उन्हें अदालतों की निष्पक्षता पर पूरा भरोसा है। राकांपा (एनसीपी) को नए संसद भवन में एक कार्यालय कक्ष आवंटित करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह आवंटन पार्टी की योग्यता के आधार पर किया गया है।
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शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने स्पष्ट किया कि ‘‘हम संविधान और प्रक्रियाओं में विश्वास रखते हैं और संसद में भी इन्हीं प्रक्रियाओं का पालन करते हैं। एनसीपी (शरदचंद्र पवार) पवार साहब की है और लोकसभा चुनावों में राज्य के लोगों ने उन्हें समर्थन दिया। इस आधार पर पार्टी को नए संसद भवन में कार्यालय आवंटित किया गया।”
एनसीपी सांसद सुले ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को एक कार्यालय कक्ष आवंटित करते समय सरकार ने उनके गुट की पहचान ‘शिवसेना – शिंदे’ के रूप में की। उन्होंने कहा कि अंत में सच्चाई की जीत होती है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)