
सुप्रिया सुले व पार्थ पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Supriya Sule Supports Parth Pawar: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर बड़े आर्थिक घोटाले के आरोपों से गरमा गई है। इस बार विवाद के केंद्र में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार हैं। उन पर आरोप है कि उनकी कंपनी ने पुणे में 1804 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन मात्र 300 करोड़ रुपये में खरीदी है। इस कथित अनियमित सौदे को लेकर राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता या नियमों का उल्लंघन सामने आता है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीएम फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी।
वहीं, इस मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले पार्थ पवार के बचाव में सामने आई हैं। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तहसीलदार ने जमीन सौदे पर हस्ताक्षर ही नहीं किए, तो फिर यह सौदा हुआ कैसे? इस पूरे प्रकरण में कई विरोधाभास हैं और सरकार को जनता के सामने स्पष्टीकरण देना चाहिए।
सुप्रिया सुले ने कहा कि यह मामला सामने आने के बाद मैंने पार्थ को फोन किया था। पार्थ ने कहा कि मेरी इसमें कोई गलती नहीं है। बता दें कि सुप्रिया सुले अजित पवार की बहन व पार्थ पवार की बुआ है।
सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्थ पवार की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। महाराष्ट्र सरकार ने पहले कहा कि इस जमीन का लेन-देन नहीं हो सकता। अगर लेन-देन नहीं हो सकता, तो स्टाम्प ड्यूटी चुकाने का नोटिस कैसे आया? स्टाम्प ड्यूटी कितनी होनी चाहिए? इस पर भी आम सहमति नहीं बन पा रही है। इस मामले में गड़बड़ है।
दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार पर पुणे में कथित जमीन खरीद लेनदेन में गंभीर घोटाले के आरोप लगाए हैं। दमानिया ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट के माध्यम से सबूत के तौर पर कुछ कागजात भी साझा किए हैं।
यह भी पढ़ें:- मनोज जरांगे की हत्या के लिए 2.5 करोड़ की सुपारी! बीड के बड़े नेता का नाम आया सामने, मचा हड़कंप
आरोपों के अनुसार, पार्थ पवार जिस कंपनी Amadea Holdings LLP के निदेशक हैं, उसने कथित तौर पर ₹1804 करोड़ मूल्य की महार वतन जमीन केवल ₹300 करोड़ में खरीदी। दमानिया ने यह दावा किया है कि इस बड़े जमीन सौदे का मूल्य स्टैंप ड्यूटी से बचने के लिए कम दिखाया गया।
दमानिया ने इस सौदे की वित्तीय अनियमितता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1804 करोड़ रुपए के वास्तविक मूल्य पर 126 करोड़ रुपए की स्टैंप ड्यूटी बनती थी। हालांकि, कथित तौर पर सौदे को ₹300 करोड़ का दिखाया गया, और उस पर बनने वाली ₹21 करोड़ की स्टैंप ड्यूटी को भी माफ कर दिया गया। दमानिया ने इस मामले में दो दिनों के भीतर स्टैंप ड्यूटी माफ करने के आदेश आने का मुद्दा उठाया।






