मृतक अश्विनी की मां ने MP सरकार से मांगी मदद (पीटीआई फोटो)
पुणे. पोर्शे कार एक्सीडेंट केस में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता और दादा के बाद मां को भी गिरफ्तार कर लिया है। जांच में यह पता चला है कि नाबालिग का ब्लड सैंपल उसकी मां के ब्लड सैंपल से बदले गए थे। इसी बीच एक्सीडेंट में मारी गई सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोस्टा की मां ने अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने मध्य प्रदेश से मदद की गुहार लगाई है और अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग की है।
अश्विनी की मां ममता कोस्टा ने कहा, “हम मध्य प्रदेश में रहते हैं, लेकिन सरकार की ओर से किसी ने हमें सांत्वना तक नहीं दी। कोई हमारा समर्थन करने भी नहीं आया। हमारी राज्य सरकार को हमारी मदद के लिए आगे आना चाहिए था। आज 12 दिन हो गए हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ।” उन्होंने कहा, “मैं उनसे समर्थन मांगना चाहती हूं। मध्य प्रदेश सरकार को महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करना चाहिए ताकि हमें जल्द से जल्द न्याय मिले। मेरी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन किसी अन्य मां की गोद न उजड़े। रईसजादों के बच्चे इसी तरह की घटना न करें।”
VIDEO | Pune Porsche car crash case: “We belong to Madhya Pradesh, our state government should have come forward for our help. It has been 12 days, but nothing has happened. I would like to ask for their support so that justice should be served as soon as possible,” says mother… pic.twitter.com/Pg7JEgXo2p — Press Trust of India (@PTI_News) June 1, 2024
इस मामले पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, “पुणे पोर्शे कर एक्सीडेंट के मामले में राज्य सरकार और पुलिस उचित कार्रवाई कर रही है। हम कैमरे के सामने नहीं आते इसका मतलब यह नहीं है कि कुछ छिपा रहे हैं या किसी का समर्थन कर रहे हैं। आरोप लगाना विपक्ष का काम है। इस हादसे के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।”
पवार ने कहा, “इस मामले में ससून अस्पताल के डॉक्टर भी दोषी पाए गए, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। जिस वक्त ये एक्सीडेंट हुआ उस वक्त हसन मुश्रीफ विदेश में थे। ससून अस्पताल उनके चिकित्सा शिक्षा विभाग के दायरे में आता है। उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, एक्साइज मिनिस्टर शंभूराज देसाई ने भी अपने डिपार्टमेंट को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।”
पवार ने आगे कहा, “इस मामले को सभी ने गंभीरता से लिया है। प्रतिदिन जांच आगे बढ़ रही है, दोषियों पर कार्रवाई हो रही है। नाबालिग लड़के को पहले गिरफ्तार नहीं किया गया था, लेकिन उसे बाद में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद नाबालिग के पिता और दादा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। सरकार इस मामले में कुछ भी नहीं छिपा रही है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।”
गौरतलब है कि कल्याणी नगर में रविवार (19 मई) रात सवा तीन बजे कुछ दोस्त पार्टी कर बाइक पर घर लौट रहे थे इसी दौरान पोर्शे कार चला रहे 17 वर्षीय नाबालिग ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे बाइक सवार दो लोग गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। नाबालिग नशे में धुत था। मृतकों की पहचान अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में हुई है। दोनों मृतक इंजीनियर थे और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे।
एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। लेकिन किशोर न्याय बोर्ड ने उसे कुछ शर्तों के साथ 15 घंटे के भीतर ही जमानत दे दी। बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को 15 दिनों के लिए यरवदा की ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने, दुर्घटना पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, शराब छोड़ने के लिए संबंधित डॉक्टर से इलाज करने और मनोचिकित्सकीय परामर्श लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इसके बाद बोर्ड की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई।
इस मामले में पुलिस ने अब तक नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल, दादा सुरेंद्र अग्रवाल, मां शिवानी अग्रवाल, ब्लड सैंपल बदलने वाले ससून अस्पताल में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख डॉ अजय तावड़े, चिकित्सा अधिकारी डॉ श्रीहरि हलनोर और कर्मचारी अतुल घटकाम्बले को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा नाबालिग को शराब परोसने वाले कोज़ी बार के मालिक नमन भूटाडा, उसके मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक बार के मैनेजर संदीप सांगले और उसके कर्मचारी जयेश गावकर और नितेश शेवानी को गिरफ्तार किया है। साथ ही दोनों बार को सील भी किया गया है।