विधायक सुनील शेलके (pic credit; social media)
Maval Land Office Corruption: मावल तहसील के भूमि अभिलेख कार्यालय में वर्षों से फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश अब सार्वजनिक हो गया है। मावल के विधायक सुनील शेलके ने हाल ही में कार्यालय में चल रहे अवैध आर्थिक लेन-देन को उजागर किया। उन्होंने उपअधीक्षक पल्लवी पिंगले और तीन प्रमुख लोगों सतीश, कोमल और परेश को भ्रष्टाचार का मुख्य केंद्र बताया। इन लोगों के जरिए कई सरकारी कार्यों के लिए कथित रूप से लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं।
विधायक ने बताया कि माप और नक्शा तैयार करने के नाम पर किसानों और नागरिकों से अतिरिक्त पैसे वसूले जाते हैं। मावळ तालुका में किसानों से प्रति एकड़ 10,000 रुपए, एमआईडीसी क्षेत्रों में लाखों रुपए और तलेगांव, लोनावला व वडगांव जैसे शहरी भागों में 10,000 से 20,000 रुपए प्रति गुंठा वसूले जा रहे हैं। इस ‘रेट कार्ड’ के खुलासे ने कार्यालय की प्रतिष्ठा धूमिल कर दी है और राज्य में खलबली मचा दी है।
सुनील शेलके ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी भ्रष्टाचार का हिस्सा है, उसकी पूरी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपअधीक्षक पल्लवी पिंगले जानबूझकर प्रक्रिया में देरी कर रही हैं और अमीर जमीनदारों से पैसे लेकर लाभ ले रही हैं। नक्शों और प्रॉपर्टी कार्ड में गड़बड़ी कर अपील केसों में निर्णय प्रभावित किए जा रहे हैं।
विधायक ने जनता से अपील की है कि जो भी व्यक्ति इस तरह के भ्रष्टाचार से प्रभावित है, वह एक सप्ताह के भीतर जांच समिति के समक्ष शिकायत दर्ज कराए। सुनील शेलके ने तीनों मुख्य आरोपियों , सतीश, कोमल और परेश को ‘कलेक्शन कलेक्टर’ करार दिया और कहा कि इनके जरिए करोड़ों का अवैध लेन-देन होता है।
इस खुलासे के बाद मावल भूमि अभिलेख कार्यालय में भारी हलचल मची है। स्थानीय प्रशासन और अधिकारी अब जांच शुरू करने के लिए गंभीर हैं। विधायक के अनुसार, यह सिर्फ जमीन के काम तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे संबंधित तमाम विभागों और कर्मचारियों की भूमिका भी जांच का हिस्सा होगी।
सुनील शेलके के इस कदम ने मावल माप कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ न सिर्फ आवाज उठाई है, बल्कि आम नागरिकों को भी इस व्यवस्था में सुधार की उम्मीद दी है। उनका कहना है कि जब तक भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय नहीं होती, तब तक जनता की सुरक्षा और उनके हक की रक्षा अधूरी है।