पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (pic credit; socila media)
Maharashtra News: इंद्रायणी नदी पर स्थित निघोजे डैम की जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका ने बड़ा कदम उठाया है। डैम से गाद को मशीनों के जरिए हटाने और पानी में बहकर आने वाले कचरे को रोकने के लिए विशेष जाली (स्क्रीन) लगाने का निर्णय लिया गया है। इस पूरे काम पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
वर्तमान में पिंपरी-चिंचवड़ शहर को रोजाना करीब 630 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) पानी की आपूर्ति की जाती है। इसमें पवना डैम से 510 एमएलडी, आंद्रा डैम से 100 एमएलडी और एमआईडीसी से 20 एमएलडी पानी शामिल है। लेकिन आबादी तेजी से बढ़ने के कारण पानी की मांग लगातार बढ़ रही है। इसके समाधान के लिए भामा आसखेड़ डैम से 167 एमएलडी और आंद्रा डैम से 100 एमएलडी, यानी कुल 267 एमएलडी पानी आरक्षित किया गया है। फिलहाल पहले चरण में आंद्रा डैम से 100 एमएलडी पानी शहर को मिलना शुरू भी हो गया है।
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इंद्रायणी नदी से निघोजे डैम में काफी मात्रा में गाद और कचरा जमा हो गया है। गाद की परत मोटी होने से डैम की जल भंडारण क्षमता घट गई है। इसके अलावा पानी के साथ आने वाले कचरे और शैवाल की वजह से पंपों से पानी खींचने में दिक्कतें आ रही हैं। इस समस्या को हल करने के लिए डैम से गाद को यांत्रिक विधि से हटाया जाएगा। वहीं, पानी के साथ आने वाले कचरे को रोकने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली जाली भी लगाई जाएगी।
निघोजे डैम से पानी चिखली स्थित जल शोधन केंद्र तक पहुंचाया जाता है। वहां शुद्धिकरण के बाद यही पानी भोसरी, चिखली, मोशी और चहोली जैसे क्षेत्रों को सप्लाई किया जाता है। गाद हटाने और जाली लगाने के बाद जल भंडारण क्षमता बढ़ेगी और नागरिकों को अधिक मात्रा में स्वच्छ पानी उपलब्ध हो सकेगा।
महानगरपालिका के कार्यकारी अभियंता महेश कावले ने कहा कि यह कदम शहर की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए उठाया गया है। इससे जल आपूर्ति व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी।