अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई अभियान (pic credit; social media)
Maharashtra News: गंभीर अपराधों के आरोपी अक्सर कानूनी खामियों का फायदा उठाकर जमानत पर जेल से बाहर आ जाते हैं और दोबारा आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय हो जाते हैं। इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने अब “छूटते ही पकड़ो” फॉर्मूला लागू किया है।
पिछले सात महीनों में शहर में गंभीर अपराधों के 338 आरोपी जमानत पर रिहा हुए। इनमें से 315 आरोपियों को तुरंत थाने में लाकर उनके खिलाफ निवारक कार्रवाई की गई। पुलिस का कहना है कि अदालत में सरकारी वकील आरोपी की पृष्ठभूमि बताते हुए जमानत रद्द करवाने का प्रयास करते हैं। इसके बावजूद अगर आरोपी को जमानत मिल जाती है, तो जेल से बाहर आते ही उस पर पुलिस का शिकंजा कस दिया जाता है।
आमतौर पर आरोपी जेल से छूटने के बाद जश्न मनाते हैं, लेकिन अब उन्हें थाने में बुलाकर निवारक कार्रवाई की जाती है। इस सख्ती से उनकी हेकड़ी कम होती है और अपराधियों की मानसिकता पर लगाम लगती दिख रही है।
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हर जमानत पर छूटे आरोपी का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है और उनकी गतिविधियों पर गुप्त टीमें लगातार नजर रखती हैं। इनकी रिपोर्ट हर पंद्रह दिन में पुलिस आयुक्त कार्यालय को सौंपी जाती है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है। पुलिस आरोपी और उसके परिवार को बुलाकर सामाजिक दबाव भी बनाती है। कई मामलों में अपराधी कुछ समय के लिए अनुशासित रहते हैं, लेकिन यह सवाल अभी भी बरकरार है कि क्या वे स्थायी रूप से सुधरते हैं। पुलिस का मानना है कि अपराधियों की मानसिकता बदलने के लिए काउंसलिंग भी उतनी ही जरूरी है।
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने कहा, “जमानत मिलने का मतलब यह नहीं है कि आरोपी आजाद हो गया। उनकी हर हरकत पर नजर रखी जा रही है और बार-बार अपराध करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।” शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। लेकिन इस नई रणनीति से अपराधियों में डर पैदा हुआ है और नागरिकों को भी राहत महसूस हो रही है।